हिमाचल कांग्रेस में भी बगावत का माहौल, मौजूदा अध्यक्ष को हटाने के लिए विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाला

By विजयेन्दर शर्मा | Dec 23, 2021

शिमला। हिमाचल प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन इससे पहले ही प्रदेश कांग्रेस में बगावत की चिंगारी सुलगने लगी है। पार्टी के मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ पार्टी के ही लोग लामबंद हो गये हैं। जिससे कांग्रेस की अंदरूनी सियासत गरमाने लगी है। पार्टी के कई विधायक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर से नाखुश बताये जा रहे हैं। 

 

दरअसल, हिमाचल कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर व नेता प्रतिपक्ष कुलदीप अग्निहोत्री की कार्यशैली कांग्रेस के एक बड़े तबके को रास नहीं आ रही है। इनमें कई विधायक भी शामिल हैं। यही वजह है कि दोनों नेताओं को हटा किसी ओर को कमान देने की वकालत अब हो रही है। ताकि पार्टी अगले चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सके।  

 

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इस कवायद को उस समय हवा मिली जब कांग्रेस के दस विधायकों ने दिल्ली में पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ला से मुलाकात कर संगठन मतें बदलाव करने की मांग की।  इन विधायकों ने पार्टी की कमान पूर्व अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू को सौंपने की वकालत करते हुये दलील दी कि पार्टी के मौजूदा नेतृत्व के चलते चुनाव नहीं जीता जा सकता है। आरोप लगाया जा रहा है कि राठौर पार्टी के जनाधार वाले नेताओं को नीचा दिखाने के लिये प्रयास कर रहे हैं। व पार्टी की सारी गतिविधियां राठौर और राजीव किमटा के बीच सिमट कर रह गई हैं। जिससे आम कार्यकर्ता निराश व हताश है।   

 

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नादौन से विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दिल्ली में हुए इस शक्ति प्रदर्शन से पार्टी के दूसरे धड़े के नेताओं की धड़कने तेज हो गई हैं। सूत्रों ने बताया कि पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ला से मुलाकात में विधायकों ने विधानसभा चुनावों से पहले संगठन में बड़े बदलाव करने की वकालत की। विधायकों ने जल्द से जल्द संगठन को मजबूत करने के लिए बदलाव करने की मांग उठाते हुए सुक्खू को नेता प्रतिपक्ष या प्रदेश अध्यक्ष बनाने की पैरवी की।

 

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जुब्बल-कोटखाई से रोहित ठाकुर, अर्की से संजय अवस्थी समेत कांगड़ा, शिमला, सोलन और कुल्लू जिला से कई विधायक राजीव शुक्ला से मिले हैं। सभी ने एक सुर में कुलदीप राठौर की कार्यशैली पर नाखुशी जताई है। सुक्खू गुट के इन विधायकों की कदमताल से प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति में उबाल आ गया है। दूसरे धड़ों के विधायक और नेता भी दिन भी ये जानने में जुटे रहें कि कौन-कौन विधायक राजीव शुक्ला से मिले हैं। बीते दिनों में दिल्ली में ऑपरेशन करवाने के बाद से सुक्खू वहीं स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। 

 

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माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा मजबूत करने के दौरान कांगड़ा जिला की अनदेखी करना पार्टी पर भारी पड़ सकता है। प्रदेश की सत्ता का रास्ता सबसे बड़े जिला कांगड़ा से होकर जाता है। कांगड़ा से किसी नेता की संगठन के बड़े पद पर ताजपोशी ना होने से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में कांगड़ा जिला को पार्टी में बड़ा पद देना मजबूरी भी बन गया है। ऐसे हालात में पूर्व सांसद चंदर कुमार की दावेदारी का भी अपना महत्व है।

 

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इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। रामलाल ठाकुर ने बताया कि इस दौरान वर्ष 2022 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस की भावी चुनावी रणनीति और संगठनात्मक मजबूती को लेकर चर्चा की गई।


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