By रितिका कमठान | Dec 25, 2022
भारतीय राजनीति के पुरोधा और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती आज दुनिया भर में मनाई जा रही है। इस मौके पर उनकी समाधि सदैव अटल पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदैव अटल पर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सरकार के सभी बड़े नेता अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि स्थल पर मौजूद है। उनकी दत्त पुत्री भी इस मौके पर पहुंचे और श्रद्धांजलि दी है।
भारतीय राजनीति में 6 दशकों तक पुरजोर दखल रखने वाले अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी दूरदर्शिता और करिश्माई व्यक्ति के कारण देश ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ी है। अटल बिहारी वाजपेयी ने हमेशा राष्ट्रहित को राजनीति से ऊपर रखा है।
पीएम मोदी ने याद किया योगदान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री ‘‘भारत रत्न’’ अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होने कहा कि भारत के लिए उनका योगदान अमिट है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि अटल जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। भारत के लिए उनका योगदान अमिट है। उनका नेतृत्व और दृष्टिकोण लाखों लोगों को प्रेरित करता है।
वर्ष 1924 में हुआ था जन्म
वर्ष 1924 में आज ही के दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म हुआ था। वह भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में एक थे। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। उनका पहला कार्यकाल 1996 में मात्र 13 दिनों का था। इसके बाद, वह 1998 में फिर प्रधानमंत्री बनें और 13 महीने तक इस पद को संभाला। वर्ष 1999 में वह तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। वह पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी नेता थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया।
पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती को किया याद
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती पर उन्हें भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मां भारती की महान संतान महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। देश के शिक्षा जगत की समृद्धि के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया, जिसके लिए वे सदैव स्मरणीय रहेंगे।’’ पंडित मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को प्रयागराज में हुआ था। वर्ष 1909 में उन्होंने कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता की थी। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना में भी उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई। उन्हें वर्ष 2014 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘‘भारत रत्न’’ से नवाजा गया था।