By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 19, 2019
नयी दिल्ली। जेट एयरवेज का अपने विमानों को उड़ान भरने से रोकने और उड़ानों को रद्द करने का सिलसिला जारी है। इसी बीच कंपनी के विमान रखरखाव इंजीनियरों के संघ ने विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को मंगलवार को सूचना दी कि उन्हें तीन माह से पगार नहीं मिली है और उड़ानों की सुरक्षा जोखिम में है।
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जेट एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन (जेएएमईडब्ल्यूए) ने डीजीसीए को एक पत्र में लिखा है, ‘‘ हमारे लिए अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो गया है। इसके परिणामस्वरूप विमान इंजीनियरों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ा है और यह उनके काम को भी प्रभावित करता है। और ऐसे में देश और विदेश में उड़ान भरने वाले जेट एयरवेज के विमानों की सुरक्षा जोखिम पर है।’’
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पत्र के अनुसार, ‘‘जहां वरिष्ठ प्रबंधन कारोबार में समाधान के तौर-तरीके खोज रहे हैं। हम इंजीनियर पिछले सात माह से समय से वेतन नहीं मिलने से बहुत दबाव में हैं और विशेष तौर पर तीन महीने से तो हमें वेतन मिला ही नहीं है। हम विमानों की जांच करते हैं, उनकी मरम्मत करते हैं और यह प्रमाणित करते हैं कि विमान उड़ने लायक है या नहीं।’’
नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने सोमवार को अपने चार और विमानों को उड़ान भरने से रोक दिया था। पट्टे पर लिए विमानों का किराया नहीं चुकाए जाने के चलते उसके परिचालन से बाहर हुए कुल विमानों की संख्या 41 हो गयी है।
जेएएमईडब्ल्यूए ने इस मामले में डीजीसीए से हस्तक्षेप की मांग की है।