By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 02, 2021
पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले ही प्रदेश कांग्रेस में इन दिनों राजनीतिक सरगर्मी जारी है। पार्टी से नाराज चल रहे नेता नवजोत सिंह सिद्धू को एक अहम भूमिका देने के संकेत मिल रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान के संकेत के बीच, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कई हिंदू नेताओं के साथ एक लंच मीटिंग की मेजबानी की। इन हिंदू नेताओं ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष पद हिंदू चेहरे को दिए जाने की मांग की।
बैठक और नेताओं की इस मांग को मुख्यमंत्री द्वारा आलाकमान को एक और संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि वह सिद्धू को राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त करने के पक्ष में नहीं थे। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री पहले ही अपने विचार केंद्रीय नेतृत्व को बता चुके हैं।
सुनील जाखड़ को बैठक में नहीं बुलाया गया
वहीं अमरिंदर जिन दो नेताओं को इस पद के लिए पसंद करते हैं, वे लोकसभा सांसद मनीष तिवारी और राज्य के शिक्षा और पीडब्ल्यूडी मंत्री विजय इंदर सिंगला हैं। सूत्रों ने कहा कि बैठक में नेताओं ने संकल्प लिया कि वे सिद्धू को पीपीसीसी प्रमुख के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे। शहरी क्षेत्रों को प्राथमिकता देने जैसे कई मुद्दों को उठाने के अलावा, "जाट सिख नेता अधिक सीटों पर कब्जा कर रहे हैं।
जमीनी स्तर पर पार्टी की उपस्थिति की हकीकत और विधायकों और मंत्रियों ने नेताओं की बात सुनी. वहीं कई नेताओं ने मुख्यमंत्री से कहा कि हिंदुओं और सिखों का एक समान प्रतिनिधत्व सुनिश्चित करने के लिए, पार्टी को एक हिंदू को पीपीसीसी प्रमुख के रूप में नामित करना चाहिए। बैठक में दिलचस्प बात यह भी रही कि मौजूदा पीपीसीसी प्रमुख हिंदू नेता सुनील कुमार जाखड़ को लंच मीटिंग के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था। हालांकि सीएम ने राज्य भर के नेताओं को आमंत्रित किया था।
हिंदू नेता अलग-थलग महसूस कर रहे थे
कई नेताओं ने सीएम को बताया कि हिंदू नेता अलग-थलग महसूस कर रहे थे। पहले 15 विधानसभा क्षेत्रों से हिंदू नेताओं को मैदान में उतारा गया था, जिन्हें जाट सिखों को सौंप दिया गया है। हमने यह मुद्दा उठाया। मालवा के एक नेता ने कहा हमने सीएम से अनुरोध किया कि पीसीसी प्रमुख को भी हिंदू होना चाहिए।
आपको बता दें कि राज्य में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने है। जिसके लिए कांग्रेस ने अभी से तैयारी शुरु कर दी है। कई राज्यों में मिली हार और पार्टी में चल रहे अंतर्कलह के बाद अब आत्म मंथन से लेकर बड़े फेरबदल की तैयारी चल रही है।