भारत जैसे बड़े और लोकतांत्रिक देश में हर 6 महीने में एक चुनाव देखने को मिल जाता है। 2019 के आम चुनाव के खत्म होने के बाद पहले महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव हुए। फिलहाल झारखंड में विधानसभा के चुनाव चल रहे है। इन सबके बीच सबकी निगाहें दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी सहित भाजपा, कांग्रेस और अन्य दल चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं।
पर सबसे बड़ा सवाल किए है कि यह चुनाव कब होंगे। 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के तारीखों पर गौर करें तो मतदान 7 फरवरी को हुए थे जबकि चुनाव के नतीजे 10 फरवरी को आए थे। मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए 14 फरवरी को शपथ लिया था। ऐसे में अनुमान जताया जा रहा है कि इस बार का भी चुनाव 10 फरवरी से पहले खत्म हो सकता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह माना जा रहा है किस सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षा 15 फरवरी से होने जा रहे हैं।
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ऐसे में छात्रों और अभिभावकों को ध्यान में रखते हुए चुनाव प्रक्रिया 10 फरवरी से पहले संपन्न कराए जा सकते हैं। हालांकि आखरी फैसला चुनाव आयोग को करना है। आपको बता दें कि 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आंदोलन से निकली पार्टी AAp को 67 सीटों पर जीत मिली थी। केंद्र में भारी बहुमत के साथ आने के बाद भी भाजपा महज 3 सीटों पर सिमट गई थी। कांग्रेस का खाता नहीं खुल सका था ।दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटें हैं।