भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में सत्ता विरोधी लहर भारतीय जनता पार्टी को बहुत भारी पड़ी है और उसका 15 साल का शासन खत्म होता नजर आ रहा है। राज्य में हुए विधानसभा चुनावों के लिए जारी मतगणना के शुरुआती रुझानों में कांग्रेस को 230 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत मिल चुका है। भाजपा दूसरे नंबर पर आ गयी है। रुझानों के साथ ही मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के घर के बाहर जश्न शुरू हो गया है। कांग्रेस ने हालांकि राज्य में किसी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं घोषित किया था लेकिन माना जा रहा था कि यदि पार्टी की सरकार बनती है तो कमलनाथ ही अध्यक्ष बनेंगे क्योंकि पार्टी के टिकट अधिकांश उनकी सहमति से ही वितरित हुए थे।
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राज्य में सत्ता विरोधी लहर के अलावा कांग्रेस के घोषणा पत्र में किये गये लुभावनी वादे जनता को संभवतः पसंद आये हैं इसीलिए कांग्रेस को सभी क्षेत्रों से समर्थन बढ़ता जा रहा है। यहां पर हालांकि भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन सत्ता नहीं बचा पाई। इस बड़े हिंदीभाषी प्रदेश से भाजपा की सत्ता जाना आगामी लोकसभा चुनावों की दृष्टि से पार्टी के लिए बड़ा नुकसानदेह साबित हो सकता है। वहीं कांग्रेस के लिए यह लोकसभा चुनावों से पहले संजीवनी मिलने जैसा है क्योंकि उसने ना सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे बड़े राज्य भाजपा से छीन लिये हैं। साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू अब उतर रहा है और राहुल गांधी की बातों पर जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा है।