By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 23, 2020
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शशिकांत दास द्वारा मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर नकारात्मक रहने की संभावना जताए जाने की पृष्ठभूमि में शनिवार को कहा कि दास को सरकार से अपना फर्ज निभाने एवं राजकोषीय उपाय करने के लिए कहना चाहिए। पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि मांग बुरी तरह से प्रभावित है, वित्त वर्ष 2020-21 में विकास दर नकारात्मक रह सकती है। ऐसे में फिर क्यों वह अर्थव्यवस्था में और पूंजी डाल रहे हैं? उन्हें सरकार से खुलकर कह देना चाहिए कि वह अपनी ड्यूटी करे, राजकोषीय उपाय करे।’’
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चिदंबरम ने कहा कि रिजर्व बैंक के बयान के बाद भी प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक ऐसे पैकेज के लिए खुद की सराहना कर रहे हैं, जो जीडीपी के एक प्रतिशत से भी कम का राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस को शर्म आनी चाहिए कि कैसे सरकार ने अर्थव्यवस्था को नकारात्मक वृद्धि दर की ओर ढकेल दिया है।
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गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कोविड-19 संकट के प्रभाव को कम करने के लिए ब्याज दरों में कटौती, कर्ज अदायगी पर ऋण स्थगन को बढ़ाने और कॉरपोरेट को अधिक कर्ज देने के लिए बैंकों को इजाजत देने का फैसला किया। आरबीआई ने प्रमुख उधारी दर को 0.40 प्रतिशत घटा दिया। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अचानक हुई बैठक में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में कटौती का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। इस कटौती के बाद रेपो दर घटकर चार प्रतिशत हो गई है, जबकि रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत हो गई है।