By Kusum | Sep 28, 2023
भारत की नाओरेम रोशिबिना देवी ने गुरुवार को यहां एशियाई खेलों की महिला 60 किग्रा वुशु सांडा फाइनल में स्थानीय दावेदार वू शियाओवेई के खिलाफ 0-2 की शिकस्त के साथ रजत पदक जीता। उन्होंने यह पदक मणिपुर हिस्सा के पीड़ितों को समर्पित किया।
रोशिबिना का गृह राज्य मणिपुर इस साल मई से हिंसा से जूझ रहा है। विरोधी कुकी जातीय समुदाय के दबदबे वाले चूरचांदपुर के करीबी बिष्णुपुर के क्वाशिफाई गांव की रहने वाली मैतेई समुदाय की रोशिबिना को स्थानीय खिलाड़ी को कड़ी टक्कर देने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा। मणिपुर में दोनों समुदायों के बीच हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है जबकि घायलों का आंकड़ा भी काफी अधिक है।
रोशिबिना ने रजत पदक जीतने के बाद कहा, ‘‘मणिपुर जल रहा है। मणिपुर में हिंसा जारी है। मैं अपने गांव नहीं जा सकती। मैं यह पदक उन लोगों को समर्पित करना चाहती हूं जो हमारी रक्षा कर रहे हैं और वहां पीड़ा सह रहे हैं।’’ मणिपुर की इस खिलाड़ी ने रोते हुए कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि क्या होगा, लड़ाई तो जारी है। यह कब रुकेगा और पहले की तरह सामान्य जिंदगी कब लौटेगी।’’
रोशिबिना को गत चैंपियन शियाओवेई के खिलाफ जूझना पड़ा और उन्होंने चीन की खिलाड़ी को अच्छी शुरुआत करने का मौका दिया। जजों ने दो दौर के बाद शियाओवेई को विजेता घोषित किया। चीन की खिलाड़ी पहले दौर से ही आक्रामक दिखी और उन्होंने रोशिबिना को गिराकर अंक बनाए। मणिपुर की खिलाड़ी ने वापसी करते हुए शियाओवेई का पैर पकड़कर उन्हें सीमा रेखा से बाहर करने की कोशिश की लेकिन नाकाम रही जिससे चीन की खिलाड़ी ने 1-0 की बढ़त बनाई। दूसरे दौर में चीन की खिलाड़ी ने रोशिबिना के शरीर के ऊपरी हिस्से पर प्रहार से अंक जुटाए और जीत दर्ज की। रोशिबिना ने 2018 में जकार्ता खेलों में कांस्य पदक जीता था।
रोशिबिना ने बुधवार को विश्व चैंपियनशिप की रजत और कांस्य पदक विजेता वियतनाम की थी थू थुइ एनगुएन को 2-0 से हराकर कम से कम रजत पदक सुनिश्चित किया था। इस भारतीय खिलाड़ी ने बुधवार को अपने माता-पिता से बात की और उन्होंने अपनी बेटी को मणिपुर हिंसा से ध्यान नहीं भटकने देने और फाइनल पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
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