By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 28, 2021
नयी दिल्ली| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने पेगासस जासूसी के आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले का बुधवार को स्वागत किया।
उच्चतम न्यायालय ने इजराइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिए भारत में कुछ लोगों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए बुधवार को विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया और कहा कि सरकार हर बार राष्ट्रीय सुरक्षा की दुहाई देकर बच नहीं सकती और इसे ‘हौवा’नहीं बनाया जा सकता जिसका जिक्र होने मात्र से न्यायालय खुद को मामले से दूर कर ले।
नागरिकों के निजता के अधिकार के विषय पर पिछले कुछ सालों के एक महत्वपूर्ण फैसले में प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा की दुहाई देने मात्र से न्यायालय ‘‘मूक दर्शक’’ बना नहीं रह सकता।
कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘आदेश नागरिकों के मौलिक अधिकारों के संरक्षक के रूप में अदालत के दावे को पुष्ट करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आदेश आश्वस्त करता है कि संवैधानिक शासन की अनिवार्यता को लागू किया जाएगा और सरकार की ओर से भ्रांति को मौलिक स्वतंत्रता और अपरिहार्य मानवाधिकारों को विफल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।