ASEAN Summit 2023 | सम्मेलन में शामिल होंगे पीएम मोदी, म्यांमार की हिंसा, विवादित दक्षिण चीन सागर से जुड़ी घटनाओं का मुद्दा छाया रहेगा

By रेनू तिवारी | Sep 04, 2023

जकार्ता। सरकार ने एक आधिकारिक घोषणा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-आसियान शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के लिए अगले सप्ताह 6-7 सितंबर को जकार्ता का दौरा करेंगे। अगले दिन जी20 बैठक में जाने से पहले, प्रधानमंत्री 8 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए वापस आएंगे।

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो की अगुवाई में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के नेता इस साल जब अपने आखिरी शिखर सम्मेलन के लिए एकत्रित होंगे, तो वे म्यांमा के हिंसक गृह युद्ध, विवादित दक्षिण चीन सागर में नयी घटनाओं और अमेरिका-चीन के बीच लंबे समय से चल रही शत्रुता जैसे मुद्दों से घिरे हुए होंगे, जिसका निकट भविष्य में कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है। दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संघ (आसियान) की बैठक इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार से शुरू होगी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन इसमें हिस्सा नहीं लेंगे, जबकि आमतौर पर वह आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेते आए हैं। उनके स्थान पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस इसमें शामिल होंगी। मंगलवार को चर्चा के बाद आसियान देशों के नेता बुधवार से बृहस्पतिवार तक एशियाई और पश्चिमी देशों के अपने समकक्षों के साथ बैठक करेंगे।

 

इसे भी पढ़ें: G20 Summit | भारत आने को लेकर काफी खुश है अमेरिका के राष्ट्रपति Joe Biden, चीन की इस हरकत से हुए बेहद निराश!

 

अमेरिका और चीन तथा उनके सहयोगी देशों ने इस बैठक का इस्तेमाल मुक्त व्यापार, जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक सुरक्षा पर व्यापक बातचीत के लिए किया है। यह उनकी प्रतिद्वंद्विता के लिए युद्ध का मैदान भी बनी है। चीन के प्रधानमंत्री ली क्यांग के पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के साथ-साथ इन बैठकों में भाग लेने की संभावना है। वह अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव से मुलाकात करेंगे। आसियान सम्मेलन में शामिल होने की जगह बाइडन जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत जाएंगे और फिर संबंधों को मजबूत करने के लिए वियतनाम की यात्रा करेंगे।

 

वाशिंगटन ने स्पष्ट किया है कि बाइडन भूराजनीतिक प्राथमिकताओं के आधार पर इस समूह को निचले पायदान पर नहीं धकेल रहे हैं और वह क्षेत्र के साथ अमेरिकी भागीदारी को और मजबूत करने के प्रयास कर रहे हैं। इंडोनेशिया के पूर्व विदेश मंत्री मार्टी नतालेगावा ने बाइडन के आसियान शिखर सम्मेलन में भाग न लेने पर निराशा जताई है और कहा है कि ऐसे कदम आसियान की घटती प्रासंगिकता के लिए और चिंताजनक हैं।

 

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: PM Modi ने साक्षात्कार में विपक्ष के हर आरोप का करारा जवाब दिया और पिछली सरकारों की विफलताओं को भी उजागर किया

 

शीतयुद्ध के काल में 1967 में स्थापित आसियान प्रत्येक सदस्य देश के घरेलू मामलों में दखल न देने के सिद्धांत पर अमल करता है। यह सर्वसम्मति से निर्णय लेता है, जिसका मतलब है कि कोई भी सदस्य किसी प्रतिकूल निर्णय या प्रस्ताव को अस्वीकार कर सकता है। इन नियमों ने नये लोकतंत्रों से लेकर रूढ़िवादी राजतंत्रों तक को इसकी ओर आकर्षित किया है, लेकिन साथ ही इसने समूह को राज्य प्रायोजित अत्याचारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने से भी रोका है।

 

अभी ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम आसियान के सदस्य हैं। नतालेगावा ने कहा कि म्यांमा की सैन्य सरकार को मानवाधिकार उल्लंघनों से रोकने में आसियान की विफलता और विवादित दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन की एक आपूर्ति नौका को चीनी तटरक्षक बल द्वारा रोके जाने पर उसकी चुप्पी ने इस समूह की प्रासंगिकता पर सवालिया निशान खड़े किए हैं।

प्रमुख खबरें

2024 TVS Apache RR310: भारत में लॉन्‍च हुई टीवीएस की ये शानदार बाइक, कीमत 2.75 लाख रुपये से शुरू

Delhi के बाद Kerala में भी मिला Monkeypox का केस, UAE से केरल लौटा शख्स पाया गया पॉजिटिव

Canada की संसद में खड़े होकर हिंदू नेता ने कह दिया कुछ ऐसा, बांग्लादेश के उड़ जाएंगे होश

IND vs BAN 1st Test Live Streaming: भारत और बांग्लादेश के बीच पहला टेस्ट कहां और कब देखें? जानें लाइव स्ट्रीमिंग की पूरी जानकारी