By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 19, 2017
लखनऊ। विश्व रिकार्डधारी महिला पर्वतारोही अरणिमा सिन्हा ने दिव्यांगों के लिये होने वाले राष्ट्रीय खेलों की जानकारी ना दिये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन विशेष खिलाड़ियों को सही मंच नहीं मिल पा रहा है। बुलंद इरादों के बूते एवरेस्ट फतह कर दुनिया में साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति की नई मिसाल पेश करने वाली 'पद्मश्री' अरणिमा ने राष्ट्रीय पैराएथलेटिक्स खेलों की जानकारी दिव्यांग खिलाड़ियों को ना दिये जाने का आरोप लगाते हुए कहा, 'जब ये खेल होते हैं तो दिव्यांग खिलाड़ियों को पता तक नहीं चल पाता। खिलाड़ियों का आना या ना आना अलग बात है। हमें कम से कम ई-मेल के जरिये जानकारी तो मिलनी ही चाहिये।'
उन्होंने कहा, 'इस साल मार्च-अप्रैल में जयपुर में राष्ट्रीय पैराएथलेटिक्स खेल हुए थे, लेकिन मुझे इसकी जानकारी हाल में मिली। बहुत मुश्किल से यह पता लगा है कि अगले खेल अक्तूबर-नवम्बर में होंगे। इसी तरह राष्ट्रीय जूनियर पैराएथलेटिक्स खेल 11 जून को फरीदाबाद में हुए थे, इसकी भी जानकारी नहीं मिली। सच्चाई यह है कि दिव्यांग खिलाड़ियों को सही मंच नहीं मिल पा रहा है।' इस पद्मश्री पर्वतारोही ने आरोप लगाया कि इन खेलों की जानकारी कुछ खास खिलाड़ियों को ही दी जाती है। करीब चार साल पहले कृत्रिम पैर के सहारे एवरेस्ट पर पहुंचने वाली दुनिया की एकमात्र महिला अरणिमा ने अपने जैसे अन्य खिलाड़ियों को सुविधा देने के लिए एक खेल अकादमी स्थापित करने की दिशा में काम शुरू किया था लेकिन सरकारी प्रक्रिया में उलझकर वह मामला लटक गया। अरणिमा ने बताया कि उन्हें प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से मदद की उम्मीद है। पहले वह उन्नाव में दिव्यांग अकादमी खोलना चाहती थी लेकिन लखनऊ से दूरी के मद्देनजर खिलाड़ियों को संभावित असुविधा को देखते हुए अब राजधानी के आसपास ही अकादमी खोलना चाहती हैं।
अरणिमा ने बताया कि उन्होंने मोहनलालगंज मार्ग पर मेमोरा वायुसेना केन्द्र के पास ग्राम सभा की 16 एकड़ जमीन भी देखी है। वह चाहती हैं कि सरकार चाहे तो उन्हें पट्टे पर वह जमीन दे दे या फिर सकर्लि दर पर उन्हें जमीन बेच दे। वह 16 एकड़ इसलिये चाहती हैं, क्योंकि अन्तरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से दिव्यांग अकादमी न्यूनतम 16 एकड़ के दायरे में होनी चाहिये। वर्ष 2011 में एक हादसे में अपना बायां पैर गंवाने के बाद मई 2013 में कृत्रिम पैर के सहारे एवरेस्ट छूने वाली इस पर्वतारोही ने कहा कि उनके पास अकादमी की पूरी परियोजना तैयार है और उन्होंने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात के लिए समय मांगा है। उनसे मिलकर वह अपनी बात रखना चाहेंगी। उम्मीद है कि नई सरकार से उन्हें पूरा सहयोग मिलेगा और उन्होंने वित्तीय सहायता उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद भी जताई।