By नीरज कुमार दुबे | Jul 26, 2021
पाँच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया गया था, अनुच्छेद 370 हटा कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों का स्वरूप प्रदान कर दिया गया था। मोदी सरकार के इस फैसले से पूरा देश खुश हो गया था लेकिन विपक्ष के कुछ नेताओं ने कहा था कि इससे जम्मू-कश्मीर का कोई भला नहीं होगा। अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से प्रभासाक्षी की टीम जम्मू-कश्मीर के विकास को लेकर केंद्र सरकार की ओर से किये गये वायदों पर नजर रखे हुए है और समय-समय पर अपनी विभिन्न रिपोर्टों के माध्यम से अनेक विषयों को आपके समक्ष रखा भी है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के दो साल पूरे होने को हैं, ऐसे में हम आपके लिए एक श्रृंखला शुरू कर रहे हैं ताकि आपको दिखा सकें कि कितना बदला है कश्मीर।
इस श्रृंखला में हम आपको कश्मीर में युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की बात हो, चाहे केंद्र सरकार की ओर से वहां चलाये जा रहे जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की बात हो, सेना की ओर से जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए चलाये जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों और सहायता अभियानों की बात हो या फिर खुद कश्मीरियों की ओर से हालात में बदलाव के लिए किये गये कार्यों की बात हो...इन सबसे अवगत कराते रहेंगे। इस कड़ी में सबसे पहले आज प्रस्तुत हैं दो खास रिपोर्टें।
जम्मू और कश्मीर के हथकरघा विभाग ने बेरोजगार युवाओं के कौशल विकास के उद्देश्य से बड़ी पहल की है। उधमपुर जिले में युवाओं को बुनाई का पारंपरिक कौशल सिखाया जा रहा है। विभाग का मुख्य उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करना है। दरअसल ऐसे कई लोग हैं जो अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सके और हथकरघा, बुनाई और सिलाई आदि में रुचि रखते हैं। ऐसे लोगों को एक वर्ष के लिए प्रशिक्षण केंद्रों में नामांकित किया जाता है। उधमपुर में स्थापित किये गये प्रशिक्षण केंद्र की क्षमता 15 छात्रों की है। यहां बुनाई और हथकरघा के चार अन्य केंद्र हैं, जिनकी क्षमता 10 लोगों की है। हथकरघा विभाग के सहायक निदेशक नरसिंह दयाल वर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण पूरा करने के बाद विभाग लोगों को काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है और सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने में मदद करता है।
पर्यटन जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। अब कोरोना के हालात काबू में आते ही इस क्षेत्र को संकट से उबारने के प्रयास किये जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के पर्यटन विभाग द्वारा इस संबंध में इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए वर्कशॉप और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान, विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को कार्यालयों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया, होटल भूमि आवंटन, बिजली के खर्च और नई औद्योगिक नीतियों 2021-2030 के महत्व के बारे में जानकारी दी।
आपको कैसी लगी प्रभासाक्षी की पेशकश इसके बारे में राय जरूर दीजियेगा और हाँ 6 अगस्त तक विशेष रूप से चलने वाली हमारी इस श्रृंखला को अवश्य देखते रहिये क्योंकि बदलते कश्मीर की कहानी सबकी जुबां पर होनी ही चाहिए।