न्यूयॉर्क। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने संरक्षणवाद के खिलाफ आगाह करते हुए कहा है कि यदि एपल, सिस्को और आईबीएम जैसी कंपनियों में दुनिया से बेहतर उत्पाद और प्रतिभायें नहीं पहुंचतीं तो ये कंपनियां आज कहां होतीं? पटेल ने यहां एक व्याख्यान देने के बाद कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह अमेरिकी नीति को लेकर चल रही बातचीत पर आखिरी शब्द है जो हम सुन रहे हैं क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस बात को लेकर पुरजोर चर्चा है कि मुक्त व्यापार प्रणाली से दुनिया को फायदा हुआ है।’’
कोलंबिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स में राज सेंटर द्वारा भारतीय आर्थिक नीतियों पर प्रायोजित तीसरे कोटक परिवार विशिष्ट व्याख्यान देने के बाद गवर्नर ने दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ते संरक्षणवाद पर सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि अमेरिका सहित दुनिया की प्रमुख कंपनियों के शेयर मूल्य आज इस स्तर पर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की वजह से हैं। पटेल ने सोमवार को यहां कहा, ‘‘यदि एपल, सिस्को या आईबीएम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ उत्पादों तथा प्रतिभाओं को नहीं लेतीं, तो आज ये कंपनियां कहां होतीं। इस मामले में यदि नीतियां आड़े आती तो देश में बड़ी संपदाओं का सृजन करने वाले ऐसे लोग जो संरक्षणवाद की वकालत करते हैं, उन पर भी इसका पभाव पड़ता।’’ उन्होंने कहा कि यदि कोई देश संरक्षणवाद के लिए किसी व्यापार माध्यम का सहारा लेता है तो वह वृद्धि के रास्ते के बजाय दूसरा मार्ग पकड़ लेगा।
पटेल ने कहा कि सीमा शुल्क, सीमा कर आदि व्यापार माध्यमों के जरिये संरक्षणवाद इसे करने का बेहतर तरीका नहीं है। इसके बजाय आप कहीं और पहुंच जायेंगे। ‘‘आप नहीं जानते हैं कि इनमें से कुछ नीतियों का समान हिस्सेदारी और वितरण के साथ साथ उस उद्देश्य जिसका आप समाधान करना चाहते हैं उस पर क्या असर होगा।’’