By अभिनय आकाश | Jun 04, 2021
21वीं सदी में लोगों को वैक्सीन दिलवाने के लिए मस्जिदों का सहारा लिया जा रहा है। दरअसल, देश के कई हिस्सों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग कोरोना वैक्सीन से दूरी बना रहे हैं। सत्ता में बैठे कुछ लोग कभी कोरोना को शरीयत से जोड़ रहे हैं तो कभी अल्लाह की देन उसको बता रहे हैं। इसके बाद लोगों को इस भ्रम जाल से निकालने के लिए मस्जिदों से अजान के साथ वैक्सीनेशन की अपील भी की जा रही है।
सपा सांसदों का बेतुका बयान
कोरोना वैक्सीनेशन पर पत्रकारों के सवाल पर सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क बोले कि बगैर वैक्सीन के वे अल्लाह की हिफाजत में हैं। मेरी जिंदगी और मौत किसी के बस में नहीं। मुरादाबाद से सपा सासंद डॉ एसटी हसन का कहना है कि पिछले सात सालों में बीजेपी ने देश के साथ नाइंसाफियां की हैं, यही वजह है कि पिछले 10 दिनों में दो बड़े तूफान आ गए और कोरोना महामारी की वजह से हाजारों लोगों की जान चली गई है। येसब बीजेपी की नाइंसाफियों की निशानी है और शरीयत के साथ छेड़छाड़ का नतीजा। ये वो सियासतदां हैं जिनपर देश की आवाम को सही-गलत की जानकारी देने की जिम्मेदारी है। इनसे लोगों को जागरुक करने की उम्मीद की जाती है। मगर कोरोना काल में जो बेतुकी बयानबाजी ये कर रहे हैं उससे लोगों के मन में कितने भ्रम भर रहे हैं इसका इल्म शायद इन लोगों को भी नहीं होगा।
मस्जिदों से वैक्सीनेशन की अपील
मस्जिद के इमाम ने लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की। जुमे के दिन आज मस्जिद से नमाज़ियों से वैक्सीन लगाने की अपील की गई। ईमाम और मौलाना जाहिद रज़ा कादिरी ने मस्जिद पंजाबियां में जुमे की नमाज़ से पहले लोगों से वैक्सीन को लेकर फैलाये गए अफवाहों पर ध्यान न देने और वैक्सीन लगाने की अपील की।