By अंकित सिंह | Feb 13, 2024
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र के बढ़ावे के लिए और किसान के कल्याण के बहुत सारे कार्य किए हैं। अनुराग ठाकुर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर दिल्ली चलो मार्च निकाल रहे है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब किसानों ने मांग रखी तब हमने चर्चा के लिए एक दम से सहमति जताई। इस बार भी हमारे केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ गए और कई घंटे तक वार्ता भी की, जब किसान उठ कर चल पड़े तब भी हमने कहा कि चर्चा को जारी रखिए....जब नए मुद्दे जुड़ते जाएंगे तो समय तो लगेगा.....हमारा कहना है कि हम नए विषयों पर भी चर्चा करने के लिए तैयार हैं लेकिन इस पर अन्य लोगों से भी बात करनी पड़ेगी, क्या ये गलत हैं?
अनुराग ठाकुर ने कहा कि मैं प्रदर्शनकारियों से कहूंगा कि हिंसा ना करें, उग्र ना हों। मैं किसान नेताओं से अनुरोध करता हूं कि कृप्या करके बातचीत का दौर जारी रखें। उन्होंने कहा कि हम लगातार कहते हैं, शांति बनाए रखें और चर्चा में भाग लें। अगर पीएम मोदी कतर में नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा से बचा सकते हैं और उन्हें सुरक्षित देश ला सकते हैं, तो हम बातचीत के जरिए समाधान निकाल सकते हैं...हिंसा या बर्बरता से कुछ हासिल नहीं होगा, इससे देश को नुकसान होगा, इसलिए कृपया बातचीत जारी रखें। मैं शांति बनाए रखने की अपील करता हूं और किसान नेताओं से बातचीत में शामिल होने का अनुरोध करता हूं।
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, "प्रदर्शनकारियों को समझना चाहिए कि एकदम से नए मुद्दों को चर्चा में जोड़ते रहने से उनका तत्काल समाधान नहीं हो सकता। अगर आप भारत के WTO से अलग होने की बात करोगे, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट खत्म करने की बात करोगे, स्मार्ट मीटर लगाने बंद कर दोगे, पराली वाले विषय पर हमें बाहर कर दोगे या जलवायु के मुद्दे से कृषि को बाहर करने की बात करोगे, दो यह एक दिन के निर्णय नहीं है। इसके लिए दूसरे स्टेकहोल्डर और राज्यों से भी बात करनी होगी। और इसलिए सरकार ने इसके ऊपर विस्तृत चर्चा करने हेतु कमेटी बनाने का प्रस्ताव भी दिया है। सरकार की ओर से ना पहले कमी थी ना अब कमी है।"
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा,"कुछ लोग इस मुद्दे पर राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते हैं। कांग्रेस के बयान पर मुझे हंसी आती है। 2013-14 में जब उनकी सरकार थी, तब यूपीए काल का सबसे ज्यादा कृषि बजट ₹27 हजार 662 करोड रुपए था। अभी मोदी सरकार का कृषि बजट ₹1 लाख 25 हजार करोड़ से ज्यादा है। यानी यूपीए काल से 5 गुना ज्यादा कृषि बजट। उनके समय किसान सम्मान निधि नहीं थी, हमने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 2 लाख 81 हजार करोड रुपए सीधा उनके बैंक खातों में हस्तांतरित किए हैं। उनके समय के फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को कुछ नहीं मिलता था। मोदी सरकार में डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा का मुआवजा किसानों को मिला है। 10 हजार एफपीओ में से 8 हजार बन चुके हैं और इसे लाखों किसान भी जुड़ चुके हैं।"