लखनऊ। लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रबल विरोधी और लखनऊ निवासी प्रख्यात शायर मुनव्वर राणा ने समय के साथ चलना सीख लिया है। राना साहब की पहचान ऐसे शख्स के तौर पर है जो मोदी का विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगता है। अवार्ड वापसी की मुहिम का हिस्सा बन जाता है,लेकिन इन्हीं मुन्नवर को आजकल मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़ते देख जा सकता है। गत दिवस एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में मुन्नवर राना इस बात पर खेद जता रहे थे कि उन्होंने पीएम मोदी को बहुत उलटा-सीधा कहा,जिसके लिए वह(मुन्नव) अपने आप से शर्मिंदा भी महसूस हो रहे थे। लेकिन राना साहब की जुबान तो फिसलती ही रहती है।
भले ही उन्हें अब पीएम अच्छे लगने लगे हों,लेकिन तालीबान को भी वह बुरा नहीं मानते हैं तालीबान की तुलना मुन्नव महर्षि वाल्मिकी से कर बैठे,जिसके बाद दलित समाज ने उनके खिलाफ लखनऊ में केस दर्ज करा दिया। आश्चर्य तब हुआ जब केस दर्ज होते ही मुनव्वर राना अपने बयान से पलट गए। एक न्यूज चौनल से बातचीत में राना ने कहा कि तालिबान पर उनके बयान को जरा भी गंभीरता से न लें। तालिबान तो एक जंगली कौम है।
तालिबानियों के पक्ष में बयान देने के मामले में लखनऊ में एफआइआर दर्ज होने के बाद शायर मुनव्वर राना के सुर बदले तो वह कहने लगे उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी से इश्क भी हो गया है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी वह बेहद मुरीद हो गए हैं। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से अपने बयानों को लेकर विवाद में घिरे शायर मुनव्वर राना ने कहा कि उनके बयानों को गंभीरता से नहीं लिया जाए। उन्होंने शायराना अंदाज में बयान दिए थे। मुनव्वर राना ने कहा कि तालिबान एक जंगली कौम है और हिंदुस्तान एक मुल्क।