By अभिनय आकाश | Apr 21, 2022
दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत और दुनिया के सबसे नए लोकतंत्रों में से एक मालदीव के बीच के बीच के रिश्ते सदियों से बेहतर संबंध रहे हैं। सामाजिक, सांस्कृतिर और भौगोलिक निकटता इसकी एक बड़ी वजह है। वहीं मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह भारत के नददीकि मित्र हैं। लेकिन हालिया कुछ दिनों में चीनी दखल और विपक्ष के बढ़ते प्रभाव कि वज से मालदीव भारत के लिए बेहद नाजुक मसला बना हुआ है। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के बरी होने के बाद से वहां 'इंडिया आउट' कैंपेन तेज हो गया और साथ ही भारत विरोधी बैनर, तख्ते और झंडे नजर आने लगे। लेकिन अब इसमें एक नया डेवलपमेंट सामने आया है। मीडिया के सूत्रों के अनुसार मालदीव में अधिकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के आवास के बाहर लगाए गए भारत विरोधी झंडे को गिरा दिया है।
मालदीव में अधिकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के आवास के बाहर लगाए गए भारत विरोधी झंडे को गिरा दिया है। संसद अध्यक्ष नशीद ने इसके साथ ही ये स्पष्ट किया है कि भारत विरोधी बैनरों को लटकाए जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। नशीद ने कहा कि नई दिल्ली हमारा एक करीबी सहयोगी है, ऐसे में इस तरह के झंडे लगाए जाने को स्वीकार नहीं किया जाएगा। मालदीव की सरकार ने एक आदेश भी जारी किया है कि जिसमें उनके देश में सभी भारत विरोधी अभियानों को रोके जाने की बात कही है। मालदीव सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि किसी भी देश के प्रति घृणा फैलाने वाले ऐसे अभियानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मालदीव एक मुस्लिम बहुल राष्ट्र है जहां सुन्नी मुस्लिम बहुतायत में पाए जाते हैं। यामीन दो कार्ड खेलते नजर आ रहे हैं। धार्मिक और सुरक्षा की भावना को भड़का यामीन भारत के खिलाफ माहौल बनाना चाहते हैं। यामीन का कहना है कि हम भारत को यहां से निकलवाना चाहते हैं। मालदीव में भारत को लेकर प्रमुख विवाद भारतीय नौसेना के बेड़ों की मौजूदगी को लेकर है। वहां भारतीय नौसेना का एक डोर्नियर विमान और दो हेलीकॉप्टर हैं जो 200 यहां-वहां फैले छोटे द्वीपों से मुख्यतया मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों तक पहुंचाने का काम करते हैं।