By नीरज कुमार दुबे | Feb 27, 2023
जम्मू-कश्मीर में इस साल कश्मीरी पंडित की पहली टार्गेट किलिंग हुई है जिसके विरोध में कश्मीरी पंडितों समेत स्थानीय जनता ने भी अपनी आवाज बुलंद की है। कश्मीरी पंडित तो पिछले साल से ही मांग कर रहे हैं कि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाये। अब रविवार को पुलवामा जिले में कश्मीरी पंडित समुदाय के संजय शर्मा की जिस तरह गोली मारकर हत्या की गयी, उस घटना से कश्मीरी पंडितों का आक्रोश और बढ़ गया है। हम आपको बता दें कि एक एटीएम के सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम करने वाले संजय शर्मा पर दक्षिण कश्मीर स्थित पुलवामा जिले के अचन इलाके में बाजार जाते समय गोली चलाई गई, जो उनके सीने में लगी। राहगीर उन्हें एक अस्पताल ले गये, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि यह हमला संजय शर्मा के आवास से महज 100 मीटर की दूरी पर किया गया। उनके सहकर्मियों ने कहा कि कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों पर पूर्व में हुए हमलों के बाद से वह रात की ड्यूटी पर नहीं जा रहे थे। संभवतः इसलिए उन पर दिन में हमला किया गया।
इस बीच, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और राजनीतिक दलों के नेताओं ने हत्या की निंदा की है। मनोज सिन्हा ने कहा कि उनके प्रशासन ने आतंकवादियों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट दी है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदना है। प्रशासन को आतंकवादियों से निपटने के लिए खुली छूट दी गई है और हम आतंकवाद की इस तरह की हरकतों का मुकाबला करना जारी रखेंगे।’’
दूसरी ओर, कश्मीर जोन की पुलिस ने कहा, ‘‘आतंकवादियों ने पुलवामा में अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एवं अचन इलाके के निवासी काशीनाथ शर्मा के बेटे संजय शर्मा पर उस वक्त गोली चलाई, जब वह स्थानीय बाजार जा रहे थे।’’ पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी), दक्षिण कश्मीर क्षेत्र, रईस भट्ट ने कहा कि यह एक सुनियोजित हमला था। उन्होंने बताया कि घटना वाले गांव में सशस्त्र बलों को तैनात किया गया है।
हम आपको बता दें कि इस साल कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य पर हुआ यह पहला हमला है। पिछले साल, आतंकवादियों ने नागरिकों पर करीब 30 हमले किये थे, जिनमें तीन कश्मीरी पंडित, राजस्थान से एक बैंक प्रबंधक, जम्मू की एक शिक्षिका और आठ बाहरी श्रमिक सहित 18 लोग मारे गये थे।
दूसरी ओर, इस घटना के विरोध में आ रही राजनीतिक प्रतिक्रियाओं की बात करें तो नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि यह बर्बर हत्या कश्मीर घाटी में सुरक्षा की स्थिति और कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े करती है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं संजय जी की बर्बर हत्या के बारे में जानकर बहुत दुखी हूं। शोक संतप्त परिवार को मेरी संवेदना और समर्थन है।'' उन्होंने कहा कि इस हत्या ने एक बार फिर घाटी में सुरक्षा की स्थिति और कानून व्यवस्था पर सवाल पैदा किया है। वहीं, उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा, ''बहुत दुखद...संजय एक बैंक सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रहे थे और वह एक आतंकी हमले में मारे गये। मैं इस हमले की निंदा करता हूं और उनके प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
उधर, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी पंडितों की रक्षा करने में विफल रहने के लिए भाजपा सरकार को दोषी ठहराया। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने हमले के साजिशकर्ताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने अनंतनाग में पत्रकारों से कहा, ‘‘कुछ दिन पहले दक्षिणपंथी आतंकवादियों ने राजस्थान में मुस्लिम समुदाय के दो सदस्यों की हत्या कर दी थी। आज आपने हिंदू समुदाय के एक व्यक्ति को मार डाला। आपमें और उनमें क्या अंतर है?’’ मुफ्ती ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर कश्मीर में अल्पसंख्यकों के जीवन को खतरे में डालने का आरोप लगाया।
पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘‘कोई भी हत्या, खासतौर पर लक्षित हत्या गहरी चिंता का विषय है और निंदनीय है। हम इसकी निंदा करते हैं।’’ वहीं भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा है कि दोषियों को कतई बख्शा नहीं जायेगा। इसके अलावा, कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई ने एक बयान में कहा, ‘‘इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वालों की पहचान कर सजा दी जानी चाहिए।’’ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता एमवाई तारिगामी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने पिछले साल घाटी में हुई लक्षित हत्याओं की याद दिला दी। शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’ अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने हमले को बर्बर और जघन्य बताया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘इस तरह का जघन्य कृत्य सिर्फ मौत और पीड़ा छोड़ कर जाता है। मैं इसकी निंदा करता हूं। परिवार के प्रति मेरी संवेदना है।’’
हम आपको यह भी बता दें कि इस घटना के विरोध में जम्मू में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने बड़ा प्रदर्शन किया तो कश्मीर घाटी में स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर की शांति को बिगाड़ने का प्रयास है।