मुलायम सिंह की ढीली पड़ती राजनीति के पीछे का कारण कौन? BJP में शामिल हुआ परिवार का एक और सदस्य

By निधि अविनाश | Apr 12, 2021

मुलायम सिंह यादव के परिवार में एक और दरार आ गई है। बता दें कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम की भतीजी संध्या यादव भाजपा के टिकट पर मैनपुरी में परिवार के गृह जिले में पंचायत चुनाव लड़ेंगी। जानकारी के  मुताबिक, संध्या सपा की प्रतिनिधित्व करने वाली जिला पंचायत अध्यक्ष हैं और बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन हैं।उनके पति अनुजेश प्रताप सिंह 2019 में राष्ट्रीय पार्टी में शामिल हुए थे। बता दें कि बीजेपी के टिकट ने अब मुलायम परिवार में तनाव बढ़ा दिया है। 

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नई दरार का कारण

धर्मेंद्र और संध्या मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई अभय यादव के बच्चे हैं। धर्मेंद्र 2009 से 2019 तक बदायूं के सांसद थे, और पार्टी प्रमुख, पूर्व सीएम और मुलायम के बेटे अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। वह 2019 में भाजपा के संघमित्रा मौर्य से लगभग 18,000 वोटों के अंतर से हार गए, और इसके बाद पार्टी संगठन में कोई उल्लेखनीय भूमिका नहीं निभाई। इस बीच, संध्या पार्टी और परिवार से परेशान हैं क्योंकि मैनपुरी के मौजूदा विधायक राज कुमार यादव के समर्थक जिला पंचायत में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। परिवार में दरार का एक और कारण यह भी है कि अनुज 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे क्योंकि वह मैनपुरी में सपा की आंतरिक राजनीति से नाराज थे। साथ ही अनुज और उनकी पत्नी ने सार्वजनिक रूप से ऐलान भी कर दिया है कि अब उनका मुलायम परिवार से कोई नाता नहीं है। मुलायम परिवार में दरार सबसे पहले तब पड़ी जब साल 2017 में यूपी में समाजवादी पार्टी की बहुमत से जीत हुई और परिवार मुलायाम सिंह यादव को ही पद पर देखना चाहता था लेकिन उसके बावजूद मुलायम ने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री का पद दिया। कहते है इसके बाद से ही परिवार में राजनीतिक अनबन बढ़ती चली गई। बता दें कि मुलायम परिवार का ऐसे कमजोर पड़ना भाजपा के लिए फायदा साबित हुआ। जब संध्या के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव  पेश हुआ तब बीजेपी ने ही संध्या और अनुज की मदद की थी।

 

यूपी में है पंचायत चुनाव  

आपको बता दें कि भतीजी संध्या यादव ही नहीं बल्कि मुलायम परिवार की छोटी बहू अपर्णा यादव भी भाजपा की और खींचती चली जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें कई बार यूपी के मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात करते देखा जा चुका है। कयास लगाए जा रहे है अपर्णा यादव भाजपा का टिकट चाहती है।

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