पिडी। रोहिंग्या मुसलमानों का एक और समूह कई हफ्तों का समुद्र का सफर तय करने के बाद सोमवार को इंडोनेशिया के सबसे उत्तरी प्रांत आचेह में एक समुद्र तट पर उतरा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। स्थानीय पुलिस के प्रमुख फौजी ने बताया कि करीब 185 पुरुष, महिलाएं और बच्चे आचेह के पिडी जिले के एक तटीय गांव मुआरा तिगा में यूजिंग पाई बीच पर शाम को लकड़ी की एक जर्जर नाव से उतरे।
फौजी ने कहा, ‘‘कई हफ्तों के समुद्र के सफर के कारण वे बेहद कमजोर और थके हुए नजर आ रहे हैं।’’ उन्हें गांव के सभागार में ले जाया गया है। स्थानीय निवासियों, स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य लोगों से मदद मिलने तक वे वहां रहेंगे। फौजी ने बताया कि आव्रजन अधिकारी व पुलिस शरणार्थियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या ये लोग उन 190 रोहिंग्या के समूह का हिस्सा थे, जिनके बारे में संयुक्त राष्ट्र ने बताया था कि वे कई हफ्तों से अंडमान सागर में एक छोटी नाव पर फंसे हैं।
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थियों से जुड़े मामलों की एजेंसी यूएनएचसीआर ने शुक्रवार को देशों से शरणार्थियों को बचाने का आग्रह करते हुए कहा था कि खबरों से संकेत मिले हैं कि वे करीब एक महीने से समुद्र में फंसे हैं और उनकी हालत खराब है। उनके पास भोजन व पेयजल की भी भारी कमी है। एजेंसी के अनुसार, ‘‘इनमें से कई महिलाएं और बच्चे हैं, यात्रा के दौरान 20 से अधिक लोगों के जान गंवाने की भी खबर है।’’ गौरतलब है कि असेह बेसार जिले के लेडोंग गांव में इंद्रपत्र तट पर रविवार तड़के 58 पुरुषों का एक समूह पहुंचा था।