By अंकित सिंह | Apr 30, 2024
आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धुन बजा रहे हैं, जो रिमोट कंट्रोल से संचालित होने जैसा है। एपीसीसी प्रमुख ने राज्य भर में अपने चुनावी दौरे के दौरान कोनसीमा जिले के रावुलापलेम में अपने बड़े भाई जगन के खिलाफ यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि जगन मोहन रेड्डी ने कल एक टिप्पणी की थी कि कांग्रेस पार्टी का रिमोट चंद्रबाबू नायडू द्वारा नियंत्रित है। कांग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।
अपने भाई जगन मोहन रेड्डी पर बड़ा आरोप लगाते हुए शर्मिला ने कहा कि यह जगन मोहन रेड्डी हैं जिन्हें पीएम मोदी रिमोट से नियंत्रित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने गंगावरम पोर्ट को अडानी को देने का अनुरोध किया और जगन मोहन रेड्डी ने न केवल एक बल्कि कई ऐसी परियोजनाओं के लिए बाध्य किया। उन्होंने कहा कि जगन मोहन रेड्डी ने बाध्य किया और रिलायंस (आरआईएल समूह के अध्यक्ष परिमल नाथवानीथे) को राज्यसभा सीट दे दी। खुद एक ईसाई होने के नाते जगन मोहन रेड्डी ने मणिपुर में ईसाइयों पर हो रहे अत्याचारों को देखा और फिर भी भाजपा का समर्थन किया।
कडप्पा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहीं शर्मिला ने कहा कि वह केवल इसलिए चुनाव लड़ रही हैं क्योंकि वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख ने उनके चचेरे भाई वाई एस अविनाश रेड्डी को उसी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि अगर कडप्पा लोकसभा सीट से उम्मीदवार के तौर पर किसी और को टिकट दिया जाता तो वह चुनाव नहीं लड़तीं। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में उनके पिता वाई एस राजशेखर रेड्डी का नाम शामिल नहीं किया बल्कि यह जगन मोहन रेड्डी थे जिन्होंने उनका नाम जोड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘यह जगन द्वारा (भ्रष्टाचार) मामलों से बचने के लिए किया गया एक बुरा काम था। वह इस साजिश का कारण हैं।’’
उन्होंने आंध्र प्रदेश के लोगों से ‘इस बारे में सोचने’ का आह्वान किया। शर्मिला ने यह भी आरोप लगाया कि जगन राज्य के सभी बंदरगाहों को अडानी समूह को आवंटित कर रहे हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) आंध्र प्रदेश में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के साझेदार हैं। आंध्र प्रदेश की 175 सदस्यीय विधानसभा और 25 लोकसभा सीटों के लिए 13 मई को मतदान होने हैं और मतों की गिनती चार जून को होगी।