By अनन्या मिश्रा | Apr 23, 2024
भारत के दक्षिणी भाग में स्थित आंध्र प्रदेश सातवां सबसे बड़ा राज्य है और इसका गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ था। यह एक ऐसा राज्य है, जो संस्कृति और इतिहास से समृद्ध है। यह दक्षिण में तमिलनाडु, दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम में कर्नाटक भारतीय राज्यों से घिरा है। इस राज्य की आबादी करीब 50 मिलियन के आसपास है। साथ ही यह इस राज्य के पास अपनी एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत भी है। आंध्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर आधारित है।
आंध्र प्रदेश का इतिहास और अर्थव्यवस्था
आंध्र प्रदेश भारत के आर्थिक रूप से मजबूत राज्यों में से एक है जो 'कृषि' और 'पशुधन' से पर्याप्त मात्रा में लाभ कमाता है। बता दें कि साल 2019-2020 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था 12.14 फीसकी तक बढ़ी। प्रदेश की 60 प्रतिशत आबादी कृषि और संबंधित गतिविधियों में लगी हुई है। राज्य में 13 जिले हैं। इस राज्य को भारत का धान का कटोरा भी कहा जाता है। राज्य में दो प्रमुख नदियां कृष्णा और गोदावरी हैं। विशाखापट्टनम राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। वहीं 2 जून 2014 को आंध्र प्रदेश का बंटवारा कर तेलंगाना को नया राज्य बना दिया गया। इसकी राजधानी अमरावती है।
जातीय समीकरण
बता दें कि आंध्र प्रदेश अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है। यह भारत का सातवां और आबादी के मामले में 10वां सबसे बड़ा राज्य है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य में हिंदू समुदाय बहुसंख्यक है। राज्य की कुल आबादी में हिंदुओं की आबादी 88.46 फीसदी है। तो वहीं कुल आबादी में मुस्लिम आबादी 9.56 फीसदी है। इसके अलावा ईसाईयों की संख्या 11.30 लाख है।
राजनीतिक समीकरण
आंध्र प्रदेश में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हैं। राज्य में लोकसभा की 25 सीटें आती हैं और राज्यसभा के लिए 11 सांसद चुने जाते हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में विधानसभा की 175 सीटें हैं। वर्तमान समय में राज्य में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार है। वहीं वाईएसआरसीपी के नेता वाईएस जगन मोहन रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री हैं।
अनुमानित जनसंख्या- 91,702,478
पुरुषों की अनुमानित जनसंख्या- 46,012,282
महिलाओं की अनुमानित जनसंख्या- 45,690,196
लोकसभा सीटें- 25
विधानसभी सीटें- 175