By अंकित सिंह | Feb 25, 2023
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज बिहार दौरे पर है। राजधानी पटना में स्वामी सहजानंद सरस्वती जी की जयंती के अवसर पर उन्होंने "किसान-मजदूर समागम" को संबोधित किया। इस मौके पर शाह ने कहा कि पाटलिपुत्र की इस महान भूमि पर चंद्रगुप्त मौर्य और आचार्य चाणक्य ने भारत का पहला साम्राज्य बनाने का सफल प्रयास किया। उन्होंने कहा कि यहीं से सम्राट चंद्रगुप्त और सम्राट समुद्र गुप्त ने अफगानिस्तान से लेकर लंका तक एकमुश्त भारत का साम्राज्य बनाया। उस मगध साम्राज्य की ऐतिहासिक राजधानी पाटलिपुत्र की भूमि से मैं आप सबको प्रणाम करता हूं।
अमित शाह ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती जी और सुभाष बाबू दोनों एक ही विचारधारा से जुड़े हुए थे। सन्यासी होने के बावजूद उन्होंने देश की आजादी के आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। उन्होंने कहा कि जब जमीदारों द्वारा जबरन किसानों से कर वसूला जाता था तब सहजानंद सरस्वती जी ने नारा दिया था- 'कैसे लोगे मालगुजारी लट्ठ हमारा जिंदाबाद' और जमीदारी प्रथा के खिलाफ बहुत बड़ा आंदोलन किया था। शाह ने कहा कि स्वामी जी ने उस वक्त कहा था- जो अन्न-वस्त्र उपजाएगा, वहीं कानून बनाएगा, यह भारत वर्ष उसी का है, अब वही शासन चलाएगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसानों और मजदूरों को भारत की व्यवस्थाओं में केंद्र बिंदु में लाने का काम सहजानंद सरस्वती जी ने किया था।
भाजपा नेता ने कहा कि आज सहजानंद सरस्वती जी का बिहार गर्त में जा रहा है, इसे गर्त से बाहर निकालने के लिए हमें संघर्ष करना है। उन्होंने कहा कि जेपी से लेकर आज तक बिहार के लोगों का पूरा जीवन कांग्रेस का विरोध करने में निकल गया, लेकिन आज नीतीश बाबू प्रधानमंत्री बनने के लालच में सोनिया गांधी के शरण में जाकर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि बिहार में डेयरी की बहुत संभावनाएं हैं। बिहार में भूमि है, पानी है और मेहनतकश किसान हैं। बिहार में ढंग से व्यवस्थापन किया जाए तो पूरे भारत का सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला राज्य बिहार बन सकता है।
शाह ने सवाल किया कि अब नीतीश के राज में देश का सबसे अधिक दूध उत्पादन वाला राज्य कैसे बनेगा बिहार? क्योंकि दूध उत्पादन के लिए पशु चाहिए और पशु को चारा चाहिए लेकिन प्रदेश का मुख्यमंत्री चारा चोरी करने वाले लालू की गोद में जाकर बैठ गया है, तो किसानों का भला कैसे होगा? उन्होंने कहा कि मोदी जी के राज में MSP पर धान और गेहूं खरीदने के लिए कृषि का बजट बढ़ाया गया लेकिन बिहार में बजट जस का तस है। बिहार नीतीश बाबू के सत्ता मोह में जंगलराज बन चुका है। उन्होंने कहा कि 2014 में मनमोहन-सोनिया सरकार के दौरान कृषि का बजट 25 हजार करोड़ रुपया था, 2023 के बजट में मोदी सरकार ने कृषि का बजट बढ़ाकर 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपया कर दिया है। यही बताता है कि देश के प्रधानमंत्री ने किसानों को केंद्र में रखा है। शाह ने साफ कहा कि जिनका जीवन कांग्रेस का विरोध करते हुए गया वो नीतीश बाबू PM बनने के लोभ में सोनिया जी की शरण में बैठे हैं।जिसने लालू की जातिवादी राजनीति और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए उस वक्त जनता पार्टी तोड़ी वही आज PM बनने के मोह में लालू के गोद में बैठे हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकार ने सहकारिता के माध्यम से 2 लाख पंचायतों में सरकारी डेयरी बनाने का संकल्प किया है। डेयरी के लिए सबसे उपयुक्त जगह बिहार है। यहांं भूमि, पानी और मेहनतकश मजदूर हैं। बिहार वालों आप लालू की चिंता मत करो, क्योंकि बिहार में अब चारा चोरी भी नहीं होगा क्योंकि 2025 में यहां भाजपा की सरकार बनेगी। 2009-14 में पौने चार लाख का अनाज खरीदा गया तो वहीं 2014-19 के दौरान भाजपा सरकार ने 8 लाख करोड़ का गेहूं और धान खरीदा। लेकिन बिहार के किसानों को इसका लाभ नहीं मिला अब भाजपा सरकार बनेगी तब बिहार के किसानों को भी लाभ होगा।
शाह ने साफ तौप पर कहा कि नीतीश जी ने दूसरी बार धोखा दिया है लेकिन अब नीतीश जी हमें धोखा नहीं दे सकते क्योंकि अब हम नीतीश जी को NDA में लेंगे ही नहीं। नीतीश जी के लिए भाजपा के सारे दरवाजे अब बंद हैं। उन्होंने कहा कि किसानों और मजदूरों के लिए स्वामी सहजानंद जी के जो विचार थे, उन्हें बस मोदी जी ही पूरा कर सकते हैं और कोई पूरा नहीं कर सकता है।