By अंकित सिंह | Oct 15, 2019
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हैं और सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं। चुनाव प्रचार के बीच NCP के कद्दावर नेता प्रफुल्ल पटेल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले ही एयर इंडिया घोटाले में प्रफुल्ल पटेल ED के शक के नडार में हैं। लेकिन अब उनके खिलाफ एक और मामला सामने आ रहा है जोकि उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है। ताजा मामला यह है कि प्रफुल्ल पटेल के परिवार की प्रमोटेड कंपनी और 'मिर्ची' के नाम से कुख्यात दिवंगत इकबाल मेमन (इकबाल मिर्ची) के बीच फाइनैंशियल डील हुई थी। इस मामले को लेकर प्रफुल्ल पटेल भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। भाजपा ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए पुछा कि एनसीपी और डी कंपनी के बीच कैसा लिंक है?
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भाजपा ऐफिडेविड पर प्रफुल्ल पटेल के दस्तखत को लेकर लगातार सवाल खड़ी कर रही है। हालांकि प्रफुल्ल पटेल यह दावा कर रहे हैं कि समय आने पर जो भी जवाब देने होंगे, वे देंगे। इस मामले को लेकर ED उनसे पूछताछ करने वाली है। कहा जा रहा है कि वर्ली में मौजूद सीजेस हाउस की प्रॉपर्टी प्रफुल्ल पटेल की है लेकिन इस 15 स्टोरी बिल्डिंग का निर्माण अंडरवर्ल्ड डॉन इक़बाल मिर्ची और मैसर्स मिलेनियम डेवलेपर्स ने साल 2006-07 में किया था।
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अब इस मामले को लेकर देश के गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी प्रफुल्ल पटेल पर निशाना साधा है। शाह ने कहा कि जब किसी के ऊपर रेड कार्नर का नोटिस था तो आप उससे डील कैसे कर सकते हैं। इसका जवाब प्रफुल्ल पटेल को देना होगा। उन्होंने एक चैनल के साथ इंटरव्यू में कहा कि इस मामले को पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और शरद पवार को खुद को पाक साफ साबित करना होगा। उन्होंने कहा कि जब 1993 मुंबई बम हमले के आरोपी इकबाल मिर्ची के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो चुका था, फिर भी उन्होंने प्रफुल्ल पटेल ने अग्रीमेंट पर दस्तखत क्यों किया। राहुल गांधी को जवाब देना होगा।