By नीरज कुमार दुबे | Feb 25, 2023
बिहार की राजनीति में आज का दिन सुपर सैटरडे कहा जा सकता है क्योंकि एक तरफ जहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य के अपने दौरे के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके नये सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल पर जमकर निशाना साधा तो वहीं मुख्यमंत्री नीतीश ने भाजपा को आड़े हाथ लिया। खास बात यह रही कि जहां भाजपा ने अमित शाह के लिए दो बड़े कार्यक्रमों और जनसभाओं का आयोजन किया वहीं बिहार की सरकार को चला रहे महागठबंधन ने भी बड़ी जनसभा का आयोजन किया जिसे लालू प्रसाद यादव ने भी संबोधित किया। गुर्दे का ऑपरेशन करा कर सिंगापुर से लौटे लालू यादव का स्वस्थ होने के बाद यह पहला संबोधन था। हालांकि स्वास्थ्य कारणों से उनका यह संबोधन ऑनलाइन ही रहा। महागठबंधन की यह रैली इस मायने में भी महत्वपूर्ण रही कि इसके जरिये एकजुटता का संदेश दिया गया है क्योंकि हाल ही में कई मुद्दों को लेकर जनता दल युनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल के बीच खींचतान देखने को मिली थी।
अमित शाह का जोरदार ऐलान
जहां तक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संबोधन की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद की अपनी महत्वाकांक्षाओं को साकार करने के लिए भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन किया है। पश्चिम चंपारण जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने आरोप लगाया कि जनता दल यूनाइटेड नेता ने बिहार को फिर से ‘‘जंगल राज’’ में धकेल दिया है।
हम आपको बता दें कि भाजपा बिहार में पूर्ववर्ती कांग्रेस-राजद के नेतृत्व वाले शासन को ‘‘जंगल राज’’ का दोषी ठहराती रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आया राम, गया राम अब बहुत हुआ, पार्टी के दरवाजे अब नीतीश कुमार के लिए हमेशा के लिए बंद हो गए हैं।’’ बाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के जद (यू) की तुलना में कहीं अधिक सीटें जीतने की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश को एक और कार्यकाल के लिए समर्थन देने का अपना वादा निभाया था। भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले गृह मंत्री ने कहा, ‘‘नीतीश और लालू बिहार को पिछड़ेपन के भंवर से बाहर नहीं निकाल सकते। अब समय आ गया है कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में अपनी सरकार बनाए। अगले लोकसभा चुनाव में इसे साबित कर दिखाएंगे।’’ लगभग आधे घंटे के अपने भाषण में शाह ने कथित “जनसांख्यिकीय असंतुलन” और इसे ठीक करने के मोदी सरकार के संकल्प के अलावा सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट हवाई हमले, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने जैसे साहसिक कदमों का जिक्र किया।
नीतीश कुमार जमकर बरसे भाजपा पर
दूसरी ओर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता के अपने आह्वान को दोहराते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ते हैं, तो भारतीय जनता पार्टी 100 सीटों से कम पर सिमट जाएगी। पूर्णिया में महागठबंधन की रैली को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी को इस बारे में जल्द फैसला लेना होगा...मैं चाहता हूं कि आप लोग (कांग्रेस) जल्द फैसला लें। यदि आप मेरे सुझाव को स्वीकार करते हैं और एक साथ चुनाव लड़ते हैं, तो वे (भाजपा) 100 सीटों से नीचे तक सीमित हो जाएंगे... लेकिन अगर वे मेरा सुझाव नहीं मानते हैं, तो आप जानते हैं कि क्या होगा।" नीतीश ने दावा किया कि उनका एकमात्र लक्ष्य भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए विपक्ष को एकजुट करने के लिए काम करना है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे एक वास्तविकता बनाने की कोशिश करता रहूंगा।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा को पूरे देश से खत्म करने की जरूरत है।
लालू यादव ने क्या कहा
उधर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद ने केंद्र सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा देश को जाति और धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है। लालू प्रसाद ने दावा किया कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हैं। हाल ही में सिंगापुर में सफल गुर्दा प्रतिरोपण के बाद देश लौटे लालू प्रसाद महागठबंधन की एक रैली को दिल्ली से डिजिटल तरीके से संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली पार्टी राजद महागठबंधन का हिस्सा है। लालू प्रसाद ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए शनिवार को कहा कि भाजपा जाति और धर्म के आधार पर देश को बांटने की कोशिश कर रही है।
लालू प्रसाद ने कहा, ‘‘हम (महागठबंधन) 2024 के लोकसभा और 2025 के राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा का सफाया कर देंगे। वे (भाजपा) देश को जाति और धर्म के आधार पर बांट रहे हैं। भाजपा और आरएसएस अल्पसंख्यकों एवं समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ हैं।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस दोनों ही आरक्षण के खिलाफ हैं और वे संविधान को बदलने और आरक्षण खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। लालू ने कहा, ‘‘हमारी लड़ाई आरएसएस की विचारधारा से है। भाजपा, आरएसएस के निर्देशों का पालन कर रही है। बिहार ने पहल की है और आने वाले चुनावों में पूरे देश से भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का सफाया हो जाएगा।''