By अनुराग गुप्ता | Jun 03, 2022
नयी दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग के मामलों को लेकर गृह मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल समेत कई आला अधिकारी मौजूद रहे। आपको बता दें कि कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग के मामले बढ़ने के साथ ही डर का माहौल पैदा हो गया है। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री ने कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आज दो राउंड की बैठक की। पहली बैठक दोपहर 12 बजे से लेकर करीब डेढ़ बजे तक चली। जबकि दूसरे राउंड की बैठक दोपहर 3 बजे शुरू हुई।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पहले राउंड की बैठक में जम्मू-कश्मीर के मैदानी हालातों को बारीकी से समझा गया और विकास कार्यों की जानकारी ली गई। लेकिन दूसरे राउंड की बैठक में केंद्रशासित प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई और आतंकी गतिविधियों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। सूत्रों ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रशासित प्रदेश में टारगेट किलिंग का उद्देश्य राज्य का माहौल खराब करने का है। इसी वजह से आतंकवादी ऐसी घटना को अंजाम दे रहे हैं।
सुरक्षित स्थानों पर दी जाएगी पोस्टिंग !
सूत्रों ने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर पोस्टिंग देने की तैयारी हो रही है। आपको बता दें कि बाडगाम के चादूरा इलाके में स्थित तहसील कार्यालय के भीतर घुसकर आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित राहुल भट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके खिलाफ जम्मू से लेकर कश्मीर तक में विरोध प्रदर्शन हुआ। इसके मद्देनजर विभिन्न स्थानों पर करीब 6,000 कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया है, जो घाटी से बाहर पोस्टिंग देने की मांग कर रहे हैं।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर की संपूर्ण सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, जिसमें घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने बताया कि इस बैठक में आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा इंतजाम का विषय भी उठा।