Amarnath Yatra 2024 के लिए Amit Shah ने दिये सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त करने के निर्देश, आतंकियों पर नकेल कसने के लिए बनी नई रणनीति

By नीरज कुमार दुबे | Jun 17, 2024

29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त को समाप्त होने वाली अमरनाथ यात्रा का सुचारू संचालन मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है इसलिए सरकार ने पूरी तरह कमर कस ली है। यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता अमरनाथ यात्रा का सुचारू संचालन सुनिश्चित करना और श्रद्धालुओं को हिमालय के गुफा मंदिर की यात्रा के दौरान किसी भी कठिनाई का सामना करने से बचाना है। हम आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए दिल्ली में बुलाई गई एक बैठक में अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने और दक्षिण कश्मीर के हिमालय में स्थित गुफा मंदिर की तीर्थयात्रा के लिए कर्मियों की पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। हम आपको बता दें कि यह बैठक जम्मू-कश्मीर में हाल के आतंकवादी हमलों के मद्देनजर आयोजित की गई थी। उल्लेखनीय है कि हमलों में नौ लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए थे।


जम्मू में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के तुरंत बाद हुई बैठक में अमित शाह ने कहा, "मोदी सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि श्री अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर सकें और उन्हें किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक और परेशानी मुक्त अनुभव सुनिश्चित करने और अमरनाथ तीर्थयात्रा के प्रबंधन में पर्यावरण-अनुकूल उपाय अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम आपको बता दें कि बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और थल सेनाध्यक्ष (नामित) लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी उपस्थित थे। इस बैठक के बाद विश्व हिंदू परिषद ने इस बात का विश्वास जताया है कि अमरनाथ यात्रियों को कोई दिक्कत नहीं होगी।


जम्मू-कश्मीर के संपूर्ण सुरक्षा हालात की समीक्षा


जहां तक संपूर्ण जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की बात है तो आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बारे में कहा है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अपने निर्णायक चरण में है और हाल ही में हुई घटनाओं से पता चलता है कि आतंकवाद बड़ी संगठित आतंकी हिंसाओं से सिमट कर महज एक छद्म लड़ाई रह गया है। केंद्र शासित प्रदेश में, हाल में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए ‘नॉर्थ ब्लॉक’ में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को सफलता हासिल करने के वास्ते कश्मीर की तर्ज पर जम्मू संभाग में भी आतंकी गतिविधियों पर पूरी तरह से नकेल कसने की नीति को लागू करने का निर्देश दिया। अमित शाह ने कहा कि सरकार आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार नए तरीकों से आतंकवादियों पर नकेल कसने के लिए प्रतिबद्ध है। गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को मिशन मोड पर काम करने और समन्वित तरीके से त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

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उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय, संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान और इन क्षेत्रों में सुरक्षा चिंताओं के समाधान पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति को दोहराते हुए अमित शाह ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के प्रयासों से कश्मीर घाटी में काफी सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं और आतंकवाद की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। अमित शाह ने कहा कि कश्मीर घाटी में पर्यटकों के रिकॉर्ड संख्या में आने से कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार होने का पता चलता है। गृह मंत्री ने लोकसभा चुनाव के सफल आयोजन के लिए सुरक्षा एजेंसियों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन की सराहना की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अपने निर्णायक चरण में है और हाल की घटनाओं से पता चलता है कि आतंकवाद अत्यधिक संगठित हिंसा से सिमट कर महज छद्म युद्ध में तब्दील हो गया है।


जम्मू-कश्मीर में तेज हो सकता है एक्शन


इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्री को जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और आने वाले दिनों में सुरक्षाबल वहां आतंकवाद रोधी अभियान तेज कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ अभियान प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार चलाया जाएगा। हम आपको बता दें कि चार दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इसी मुद्दे पर एक बैठक की थी, जिसमें उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिया था।

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