By नीरज कुमार दुबे | Jun 24, 2023
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान जम्मू और श्रीनगर में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया, सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और आतंकी हमले के पीड़ितों से मुलाकात की। देखा जाये तो गृह मंत्री का यह दौरा कई मायनों में अहम रहा। आज की इस रिपोर्ट में गृह मंत्री के विभिन्न कार्यक्रमों से आपको अवगत कराते हुए सबसे पहले बात करते हैं राजौरी हमले में बचे लोगों से अमित शाह की मुलाकात की।
आतंकवाद पर प्रहार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल जनवरी में जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के एक गांव पर हुए आतंकवादी हमले में जीवित बचे लोगों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव सरकारी सहायता का आश्वासन दिया। अधिकारियों ने बताया कि अमित शाह ने राजौरी आतंकवादी हमले में जीवित बचीं श्रीमती सूरज शर्मा और उनके परिवार से मुलाकात की। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि उनका साहस और वीरता आतंकवाद के खतरे को समाप्त करने में भारत की ताकत के स्तंभ हैं। अमित शाह ने अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और उन्हें सरकारी सहायता का आश्वासन दिया। हम आपको बता दें कि सूरज शर्मा एक विधवा हैं। इस हमले में उनके दो बेटे दीपक और प्रिंस की मौत हो गयी थी। वह परिवार में अकेली जीवित बची हैं। उनके साथ सुशील और उनकी पत्नी भी थी जिन्होंने इस हमले में अपना बच्चा खो दिया था। इसके अलावा हमले में घायल हुए पवन शर्मा भी मौजूद थे। इस हमले में पवन का भाई मारा गया था। हम आपको याद दिला दें कि एक जनवरी को राजौरी जिले के ढांगरी गांव में आतंकवादियों के हमले में सात लोग मारे गए थे और 14 अन्य घायल हुए थे।
अमरनाथ यात्रा सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा
इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर एक बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के अलावा खुफिया एजेंसियों, अर्धसैनिक बलों, पुलिस और नागरिक प्रशासन के शीर्ष अधिकारी श्रीनगर में आयोजित इस बैठक में शामिल हुए। अमित शाह ने इस बारे में ट्वीट किया, ‘‘श्रीनगर में व्यापक सुरक्षा समीक्षा की। यह देखकर खुशी हुई कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एजेंसियां बहु-आयामी दृष्टिकोण अपना रही हैं। जम्मू-कश्मीर में निरंतर शांति और स्थिरता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा निर्धारित प्रमुख लक्ष्यों में से एक है।’’ सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में गृह मंत्री ने सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया और उन्हें केंद्रशासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि अमित शाह को अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति से अवगत कराया गया। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को आवश्यक निर्देश दिए। यह सुरक्षा समीक्षा बैठक वार्षिक अमरनाथ यात्रा के शुरू होने से कुछ दिन पहले हुई है। हम आपको बता दें कि दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तीर्थस्थल के लिए एक जुलाई से यह यात्रा शुरू हो रही है, जो 31 अगस्त को समाप्त होगी। नयी दिल्ली में नौ जून को आयोजित एक बैठक में शाह ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्राथमिकता सुगम अमरनाथ यात्रा सुनिश्चित करना है। उन्होंने तब अधिकारियों को जम्मू-कश्मीर में पूरे तीर्थयात्रा मार्गों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। यह तीर्थयात्रा जम्मू और कश्मीर में दो मार्गों - बालटाल और पहलगाम से होती है। सभी तीर्थयात्रियों को आरएफआईडी कार्ड दिए जाएंगे ताकि उनके वास्तविक स्थान का पता लगाया जा सके और सभी को पांच लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि तीर्थयात्रियों को ले जाने वाले प्रत्येक जानवर के लिए 50,000 रुपये का बीमा कवर होगा। सूत्रों के मुताबिक, पिछले साल करीब 3.45 लाख लोगों ने पवित्र हिम शिवलिंग के दर्शन किए थे और इस बार यह संख्या पांच लाख तक पहुंच सकती है।
वितस्ता महोत्सव
इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में हुए सर्वांगीण विकास पर प्रकाश डालते हुए कश्मीरी युवकों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि वे पत्थर उठाने के बजाय कलम और लैपटॉप साथ रखें। अमित शाह ने श्रीनगर में तीन-दिवसीय वितस्ता महोत्सव के उद्घाटन के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जो लोग जम्मू-कश्मीर का केवल पिछले चार दशक का इतिहास जानते हैं, वे सोचते हैं कि यह एक विवादित या अशांत क्षेत्र है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कश्मीर एक ऐसी भूमि है, जिसने अतीत में रक्तपात का दंश झेला है और विजयी होकर अधिक स्थिर एवं शांतिपूर्ण बनकर उभरी है।''
उन्होंने कहा कि इस भूमि ने पिछले तीन से चार दशक में आतंकवाद के कारण लगभग 40,000 मौतें देखी हैं, लेकिन आज वही कश्मीर वितस्ता महोत्सव मना रहा है और आगे बढ़ रहा है। गृहमंत्री ने इस अवसर पर कश्मीर के युवाओं से घाटी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में सोचने का आह्वान किया। उन्होंने अतीत में पथराव वाले विरोध प्रदर्शनों का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘जिन्होंने आपके हाथ में हथियार और पत्थर सौंपे, वे कभी भी आपके शुभचिंतक नहीं थे। आपके हाथों में कलम, लैपटॉप और किताबें होनी चाहिए, न कि पत्थर।" उन्होंने कश्मीरी संस्कृति की तुलना वितस्ता (झेलम) नदी से की और कहा, ‘‘अगर कोई कश्मीर का सही इतिहास जानता है, तो नफरत कभी उसका हिस्सा नहीं रही है। जो भी कश्मीर आया उसका खुले दिल से स्वागत किया गया।" गृहमंत्री ने 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से जम्मू-कश्मीर में सर्वांगीण विकास पर भी प्रकाश डाला। निरस्त हो चुका यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था।
हम आपको बता दें कि इस महोत्सव का आयोजन प्रसिद्ध डल झील के किनारे स्थित शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) के मैदान पर किया जा रहा है। यहां आये प्रतिभागियों से प्रभासाक्षी संवाददाता ने बातचीत की तो सभी ने कश्मीर के बदलते माहौल पर अपनी खुशी जताई।
बलिदान स्तंभ की आधारशिला
जम्मू-कश्मीर के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन अमित शाह ने श्रीनगर के मध्य में स्थित प्रताप पार्क में 'बलिदान स्तंभ' की आधारशिला रखी। अधिकारियों के मुताबिक, इस स्मारक का निर्माण श्रीनगर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत किया जा रहा है और यह उन शहीदों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। आधारशिला रखने के तुरंत बाद अमित शाह उपराज्यपाल के आधिकारिक आवास राजभवन पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि समारोह के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे, लेकिन पार्क के अंदर और आसपास की दुकानें खुली रहीं तथा यातायात भी मुख्यत: सामान्य रहा। केंद्रीय मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के अंतिम युवराज करण सिंह के निवास स्थान करण महल का भी दौरा किया। दिल्ली वापस जाने से पहले अमित शाह ने डल झील के नजदीक स्थित पुलिस गोल्फ कोर्स में कुछ लोगों से मुलाकात भी की। हम आपको यह भी बता दें कि शुक्रवार को अमित शाह ने जम्मू में भाजपा मुख्यालय में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के अलावा सांबा शहर में एक जनसभा को भी संबोधित किया था। अमित शाह ने जम्मू में नवनिर्मित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन और पूजन भी किया था।