By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 25, 2019
नयी दिल्ली। गृह मंत्री एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा स्वतंत्रता सेनानी एवं महान शिक्षाविद पंडित मदन मोहन मालवीय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘‘ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपनी राष्ट्रवादी सोच, बेदाग छवि और राष्ट्र समर्पित जीवन से भारतीय राजनीति में एक अमिट छाप छोड़ी। विचारधारा और सिद्धांतों पर आधारित अटल जी के जीवन में सत्ता का तनिक मात्र मोह नहीं रहा। उनके नेतृत्व में देश ने सुशासन को चरितार्थ होते देखा।’’ अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि अटल जी ने जहाँ एक तरफ कुशल संगठनकर्ता के रूप में पार्टी को सींचकर उसे अखिल भारतीय स्वरुप दिया तो वहीं दूसरी ओर देश का नेतृत्व करते हुए पोखरण परमाणु परीक्षण तथा करगिल युद्ध जैसे फैसलों से भारत की एक मजबूत छवि दुनिया में बनाई।
पंडित मदन मोहन मालवीय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘पंडित मदन मोहन मालवीय जी का न सिर्फ देश की स्वतंत्रता में अद्वितीय योगदान रहा बल्कि उन्होंने देश में शिक्षा के लिए भी भागीरथी प्रयास किये।’’ शाह ने कहा कि उन्होंने (मालवीय) युवाओं की अच्छी शिक्षा के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना करने के साथ-साथ पत्रकारिता व समाज सुधार में भी महती योगदान दिया। उन्होंने कहा कि मालवीय जी के जीवन का मूल लक्ष्य ‘राष्ट्रीय स्वतंत्रता व प्रगति’ था। वह अपने महान कार्यों के लिए पूरे देश में महामना के नाम से प्रख्यात हुए। देश के युवाओं की शिक्षा व उज्जवल भविष्य के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पित करने वाले माँ भारती के ऐसे महान सपूत की जयंती पर उनको शत-शत नमन।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी आज़ाद भारत के उन महान राजनेताओं में थे जिन्होंने देश की राजनीति के साथ-साथ राजनय को भी नई दिशा और नई ऊँचाई देने में क़ामयाबी हासिल की। उन्होंने कहा, ‘‘ वे आजीवन ‘अटल और अविचल’ रहे। अटलजी की जयंती के अवसर पर मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण एवं नमन करता हूँ।’’ रक्षा मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘महामना मदन मोहन मालवीय जी की जयंती के अवसर मैं उन्हेंश्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। मालवीय जी ने देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के साथ-साथ भारतीय शिक्षा एवं संस्कृति के उन्नयन में विशेष योगदान किया है। यह देश और समाज उनका योगदान कभी नहीं भूलेगा।’’