By अभिनय आकाश | Mar 15, 2024
भारत में किसी भी वक्त चुनावों का ऐलान हो सकता है। लेकिन चुनावों से ठीक पहले अमेरिका ने अपना रंग दिखा दिया है। अमेरिका ने एक बार फिर भारत विरोधी बयान दिया है। ये बयान एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया गया है। सीएए को लेकर अमेरिकी स्टेट विभाग के प्रवक्ता ने भी भारत को नीचा दिखाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हम भी चिंतित हैं कि ये कानून पास कैसे हो गया। हम बारिकी से पूरे मामले पर नजर रख रहे हैं। दरअसल, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार अपने दिल में भारत के खिलाफ खूब जहर भरकर लाया था। इस पत्रकार ने अमेरिकी स्टेट विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से पूछा कि भारत ने एक विवादित कानून पास कर दिया है। इसके साथ ही उसने इसे मुस्लिम विरोधी बताते हुए कहा कि इस कानून में सभी धर्मों को जगह दी गई है लेकिन मुसलमानों को नहीं।
अब भारत की तरफ से भी इस पर पलटवार किया गया है। सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन पर अमेरिका के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह भारत का आंतरिक मामला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि जो लोग भारत की बहुलवादी परंपराओं को नहीं समझते हैं, उनके लिए बेहतर होगा कि वे व्याख्यान देने का प्रयास न करें। जयसवाल ने कहा कि भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। अल्पसंख्यकों के प्रति किसी भी चिंता या व्यवहार का कोई आधार नहीं है। वोट बैंक की राजनीति को संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए एक प्रशंसनीय पहल के बारे में विचार निर्धारित नहीं करना चाहिए।
जिन लोगों को भारत की बहुलवादी परंपराओं और क्षेत्र के विभाजन के बाद के इतिहास की सीमित समझ है, उनके व्याख्यान देने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। भारत के साझेदारों और शुभचिंतकों को उस इरादे का स्वागत करना चाहिए जिसके साथ यह कदम उठाया गया है। जयसवाल ने यह भी कहा कि अमेरिका की टिप्पणियाँ गलत, गलत सूचना और अनुचित" थीं।