अमेरिका के 20,000 सैनिक नहीं लगवाना चाहते है कोरोना वैक्सीन, कारण जानकर आप के भी उड़ेंगे होश

By निधि अविनाश | Jan 06, 2022

कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन दुनियाभर में छाया हुआ है। अमेरिका में ओमिक्रोन के मामले सबसे ज्यादा दर्ज किए गए है। इस बीच अब अमेरिका के टेक्सास के अधिकारियों का बड़ा बयान सामने आया है। बताया जा रहा है कि, अमेरिका के नेशनल गार्ड के हजारों सदस्य कोरोना टीके लेने से इनकार कर रहे है। टेक्सास अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन ने इसकी जानकारी दी है। बाइडेन प्रशासन ने आदेश दिया है कि, सेना के सभी सदस्यों को टीके लगाना अनिवार्य है और इसी आदेश को लेकर अब अदालत में चुनौती दी गई है। सेना के सदस्यों के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य करने को लेकर अब ट्रंप की समर्थक पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ने जमकर विरोध किया है। इस विरोध के बीच अब एक याचिका बी दायर कर दी गई है। 

क्यों नहीं लगवाना चाहते है वैक्सीन

बता दें कि,  नेशनल गार्ड के टेक्सास में 20,000 से अधिक सदस्य हैं और यह किसी भी राज्य में तैनात होने वाली सबसे बड़ी टुकड़ी है।  पूर्वी टेक्सास की एक संघीय अदालत में दायर मुकदमे के अनुसार, आर्मी नेशनल गार्ड के तकरीबन 40 फीसदी सदस्य धार्मिक और कई अन्य कारणों का हवाला देते हुए कोरोना का वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते हैं। टेक्सास गार्ड के 200 से अधिक एयरमैन भी टीका नहीं लगवाना चाहते हैं। वहीं सेना के सभी सदस्यों के लिए टीका अनिवार्य करने वाले अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 

इसे भी पढ़ें: रूस की इस हरकत के बाद अमेरिका और जर्मनी ने दी चेतावनी, कहा- गंभीर परिणाम भुगतने होंगे

 कोरोना के बीच जो बाइडेन की अपील

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच लोगों से नियमों का पालन करने की अपील की। मंगलवार को अमेरिका में कोरोना के 10 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन से निपटने के लिए प्रशासन से लागातार बात कर रही है। 

प्रमुख खबरें

भारत की समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन, वैश्वविक नेताओं को पीएम मोदी ने दिए ये उपहार

NDA या INDIA... महाराष्ट्र और झारखंड में किसकी सरकार, शनिवार को आएंगे नतीजे, UP पर भी नजर

OpenAI ला रही वेब ब्राउजर, गूगल को मिल रही कांटे की टक्कर

लोकायुक्त संशोधन विधेयक विधान परिषद में पेश, नारा लोकेश ने गठबंधन सरकार की प्रतिबद्धता पर दिया जोर