By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 16, 2020
नयी दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेजन भारत में निवेश कर कोई उसका एहसान नहीं कर रही। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि ऑनलाइन कारोबार मंच उपलब्ध कराने वाली कंपनी अगर दूसरों का बाजार बिगाड़ने वाली मूल्य नीति का पर नहीं चल रही है तो उसे उसे इतना बड़ा घाटा कैसे हो सकता है। दुनिया के सबसे बड़े धनाढ्य व्यक्ति जेफ बेजोस के भारत में एक अरब डॉलर के निवेश की घोषणा के एक दिन बाद गोयल ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि ई-वाणिज्य कंपनियों को भारतीय नियमों का अक्षरश: अनुपालन करना होगा। उन्हें कानून में छिद्र ढूंढ कर पिछले दरवाजे से भारतीय बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। बेजोस भारत में आए है। वाणिज्य मंत्री ने बेजोस को मिलने का समय नहीं दिया है।
भारत बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को 49 प्रतिशत से अधिक निवेश की अनुमति नहीं देता। सरकार ने इस क्षेत्र में अभी किसी भी विदेशी खुदरा कंपनी को कारोबार की अनुमति नहीं दी है। दिल्ली में चल रहे वैश्विक संवाद सम्मेलन ‘रायसीना डायलॉग’ में उन्होंने तल्ख अंदाज में कहा, ‘‘अमेजन एक अरब डॉलर निवेश कर सकती है लेकिन अगर उन्हें अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है, तो वे उस अरब डॉलर का इंतजाम भी कर रहे होंगे। इसीलिए ऐसा नहीं हे कि वे एक अरब डॉलर का निवेश कर भारत पर कोई एहसान कर रहे हैं।’’ अमेजन डॉट कॉम ने लघु एवं मझोले उद्यमों को ऑनलाइन मदद के लिये एक अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की है। मंत्री ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि आखिर ई-वाणिज्य कंपनियां जो खरीदारों और विक्रेताओं को आईटी मंच उपलब्ध करा रही हैं, उन्हें बड़ा नुकसान कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा कि इस पर गौर करने की जरूरत है।
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गोयल ने कहा, ‘‘वे पिछले कुछ साल गोदामों और अन्य गतिविधियों में पैसा लगा रहे हैं। यह स्वागत योग्य और अच्छा है। लेकिन (सवाल है) क्या वे घाटे के वित्त पोषण के लिये धन लगा रहे हैं और वह नुकसान ई-वाणिज्य मार्केट प्लेस मॉडल को हो रहा है?’’ उन्होंने कहा कि एक निष्पक्ष बाजार मॉडल में कारोबार 10 अरब डॉलर का है और अगर कंपनी को अरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है, निश्चित रूप से यह सवाल पैदा करता है कि नुकसान कहां से आता है। गोयल ने यह भी कहा कि जब ऑनलाइन कंपनी अगर बाजार खराब करने वाले कीमत पर सामान उपलब्ध नहीं करा रही है, तब उसे इतना बड़ा घाटा कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ये सवाल हैं जिसके उत्तर की जरूरत है। मुझे भरोसा है कि जो प्राधिकरण इसे देख रहा है, वे उसका जवाब लेंगे और मुझे विश्वास है कि ई-वाणिज्य कंपनियों भी अपना पक्ष रखेंगी।’’