By नीरज कुमार दुबे | Apr 08, 2022
कोरोना के हालात काबू में आते ही दो साल के अंतराल के बाद एक बार फिर अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है। 43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा इस साल 30 जून को शुरू होगी और इसका समापन 11 अगस्त को होगा। अगर आप भी अमरनाथ यात्रा पर जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इसके लिए 11 अप्रैल 2022 से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने हेलीकॉप्टर से जाने वाले यात्रियों को छोड़कर 10000 दैनिक तीर्थयात्रियों की सीमा तय की है।
ऐसे कराएं पंजीकरण
अगर आप भी अमरनाथ यात्रा पर जाना चाहते हैं तो ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जमा करना होगा। यात्री अपने लिए रूट का चुनाव भी कर सकते हैं। फॉर्म भरते वक्त जन्म तिथि, आपातकालीन संपर्क नंबर, फोटो और दस्तावेजों की प्रतियां अपलोड करनी होंगी। अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ ने इस संदर्भ में जानकारी दी है कि अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण 11 अप्रैल से जम्मू-कश्मीर बैंक की 446 शाखाओं, पीएनबी बैंक, यस बैंक और देश भर में एसबीआई बैंक की 100 शाखाओं में शुरू होगा। तीर्थयात्री श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के माध्यम से भी ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
सुरक्षा बेहद कड़ी
हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी कहा है कि अमरनाथ तीर्थयात्रा के सफल आयोजन के लिए सभी जरूरी सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं। दिलबाग सिंह ने कहा, 'हमने काफी हद तक कोविड-19 से छुटकारा पा लिया है और इस साल (अमरनाथ मंदिर में) अच्छी खासी तादाद में उत्साही भक्तों के आने की उम्मीद है। इसलिए भक्तों के लिए आवास शिविरों की क्षमता बढ़ा दी गई है और सुगम व सफल यात्रा के लिए सभी आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।'
कैलाश मानसरोवर यात्रा 2022
वहीं कैलाश मानसरोवर यात्रा की बात करें तो कोविड महामारी के कारण पिछले दो साल से बंद पड़ी कैलाश-मानसरोवर यात्रा को लेकर सरकार से अब तक नोडल एजेंसी को तैयारियों के लिए कोई निर्देश नहीं मिले हैं जिससे इस बार भी यात्रा के आयोजन की संभावना नजर नहीं आ रही है। सामान्यत: विदेश मंत्रालय, यात्रा की नोडल एजेंसी कुमाउं मंडल विकास निगम तथा पिथौरागढ़ जिला प्रशासन के साथ इसकी तैयारी को लेकर जनवरी में ही बैठक कर लेता है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले के लिपुलेख दर्रे से होकर गुजरने वाली यात्रा 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते स्थगित कर दी गयी थी और अगले साल यानि 2021 में भी यह बंद ही रही। हाल में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए अधिकारी उम्मीद कर रहे थे कि इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा आयोजित हो सकती है। कुमाउं मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक एपी बाजपेई ने कहा कि अभी तक यात्रा के आयोजन के संबंध में एजेंसी को कहीं से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर अब निर्देश मिल भी जाते हैं तो भी यात्रा शुरू होने तक तैयारियां करना बहुत मुश्किल होगा। हम आपको बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा हर साल जून के प्रथम सप्ताह में शुरू होती है। साल 1981 से लिपुलेख दर्रे के जरिए होने वाली इस यात्रा में हर साल देश भर के करीब एक हजार श्रद्धालु तिब्बत में स्थित भगवान शिव का वासस्थल माने जाने वाले कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए जाते हैं।