चंडीगढ़।
पंजाब के मुख्यमंत्री
अमरिंदर सिंह ने जहरीली शराब त्रासदी के पीड़ितों के परिवारों से तरन तारन जिले में शुक्रवार को मुलाकात की और कहा कि यह दुर्घटना नहीं, बल्कि ‘हत्या’ है और इसके लिए दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘अक्षम्य कृत्य’करने वालों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी। सिंह ने कहा कि तरन तारन में जहरीली शराब की वजह से आठ और लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 121 हो गई। जिले में अब तक इससे 92 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 15 लोगों की मौत अमृतसर में और 14 लोगों की मौत गुरदासपुर में हुई। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इसमें शामिल दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी सजा दी जाएगी।’’
मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवार के लिए मुआवजा राशि दो लाख से बढ़ा कर पांच लाख कर दी। मुख्यमंत्री ने उन लोगों के लिए पांच लाख रुपये की राहत राशि की घोषणा की जो इस वजह से अपनी आंखें गंवा चुके हैं। सिंह ने इस मामले में अब तक उठाए गए कदमों का भी आकलन किया। परिवारों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि यह ‘यह ‘मानव-निर्मित’ त्रासदी है। सिंह ने कहा, ‘‘ यह हादसा नहीं बल्कि हत्या है। क्योंकि जब कोई ऐसी चीज (जहरीली शराब) बनाता है तो वह जानता है कि यह घातक होगा और लोग इससे मरेंगे। इसलिए जहां तक मैं सोचता हूं, वह हत्यारा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने इसे बनाया और जिन्हें पता था कि लोग इससे मरेंगे, उन पर हत्या का मामला चलना चाहिए। ऐसी चीजें करने वाले को जेल में होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह विश्वास कर पाना मुश्किल है कि लोग कैसे इस तरह की चीजें बनाते हैं और भगवान का डर तक दिल में नहीं रखते हैं।’’ उन्होंने उपायुक्त को तरन तारन के 92 पीड़ितों को मुआवजे की राशि देने के लिए 2.92 करोड़ रुपये का चेक सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है और पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता को इसे जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है। इससे पहले सिंह ने कहा कि विपक्षी पार्टियां इस दुखद घटना पर राजनीति कर रही है। जाखड़ ने शिअद-भाजपा गठबंधन पर शराब माफिया का पालन-पोषण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी वजह से इस तरह की दुखद घटना हुई है।