By अभिनय आकाश | Feb 27, 2020
प्रशांत किशोर के जेडीयू से निकाले जाने के बाद बिहार की धरती पर कदम रखने का सबको था इंतजार। जैसा कि वो पहले ही ऐलान कर चुके थे कि 18 फरवरी को पटना में आकर ही अपनी बात रखेंगे। जिसके बाद से ये कयास लगाए जाने लगे थे कि प्रशांत कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। नीतीश सरकार पर हमालवर रहने वाले प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने एक कैंपेन लॉन्च करने की बी बात कही जिसका नाम होगा ‘बात बिहार की’। लेकिन प्रशांत के इस ऐलान के कुछ दिनों के बाद ही इस पर विवाद हो गया है और प्रशांत किशोर पर पाटलिपुत्र थाने में कंटेंट चोरी का केस दर्ज किया गया है।
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पीके पर इधर आरोप लगे और उधर जेडीयू को उन पर हमला करने का मौका मिल गया। जेडीयू नेता अजय आलोक ने प्रशांत किशोर पर जमकर निशाना साधा है। अजय आलोक ने ट्वीट कर कहा है- बिना माँगे हुए अब ज्ञान बेचने का धंधा शुरू किया हैं क्या? बिहार हित क्या हैं ये अब आप बताएँगे ? कोई अब नहीं पूछ रहा हैं तो फिर नीतीश माला का जाप चालू हो गया? आज एक धोखा और 420 का केस आप पे दर्ज हुआ हैं पटना में !! लगता हैं आइडिया चोरी करने में आप अनु मलिक बन गए हैं। संभलो...
दरअसल पूरा मामला मोतिहारी के रहने वाले शाश्वत गौतम से जुड़ा है। गौतम ने एफआईदर्ज कराई है, जिसमें कहा गया कि प्रशांत किशोर ने 'बात बिहार की' अभियान के लिए उसके कंटेंट का इस्तेमाल अपने वेबसाइट पर किया है। शाश्वत गौतम ने कहा, 'प्रशांत किशोर ने मेरी बौद्धिक संपदा चुराई है। मेरे दिमाग में एक आइडिया आया था जिस पर मैं काम कर रहा था। वह आइडिया था 'बात बिहार की'। इस प्रोजेक्ट पर मैं पहले से काम कर रहा था और इसका सात जनवरी को रजिस्ट्रेशन भी कराया गया था। इस आइडिया पर ओसामा नाम का एक शख्स मेरे साथ काम कर रहा था और उसके पास मेरा लैपटॉप था।
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शाश्वत गौतम ने कहा कि ओसामा पटना यूनिवर्सिटी में चुनाव भी लड़ चुका था और प्रशांत किशोर के संपर्क में भी था। ओसामा, प्रशांत किशोर के पास मेरा लैपटॉप का डाटा लेकर चला गया। हालांकि प्रशांत किशोर ने इस तरह के दावे और एफआइआर पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि यह कुछ नहीं, बल्कि एक व्यक्ति द्वारा अपने दो मिनट की प्रसिद्धि हासिल करने के लिए किया गया दावा और शरारत है, और कुछ नहीं।