By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 20, 2023
प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा वाराणसी की अदालत में दाखिल आवेदन का निस्तारण होने तक उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी। सुरजेवाला ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के 23 साल पुराने एक मामले में आरोप पत्र समेत पढ़े जाने योग्य दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए वाराणसी की अदालत में आवेदन किया है। न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने सुरजेवाला की याचिका पर पिछले बुधवार को यह आदेश पारित किया। सुरजेवाला ने दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग खारिज करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती भी दी है।
निचली अदालत के आदेश के मुताबिक, आरोप पत्र और सभी दस्तावेज की पढ़े जाने योग्य प्रतियां सुरजेवाला को उपलब्ध करा दी गई थीं। हालांकि, सुरजेवाला ने उच्च न्यायालय में कहा है कि निचली अदालत द्वारा उपलब्ध कराई गई प्रतियां पढ़े जाने योग्य नहीं हैं।सुरजेवाला के वकील ने दलील दी कि उच्चतम न्यायालय ने 17 अप्रैल को निचली अदालत के जज को पढ़े जाने योग्य दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। हालांकि, कई बार आवेदन किए जाने के बावजूद इसे उपलब्ध नहीं कराया गया।
इस पर अदालत ने कहा, “उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए यह निर्देशित किया जाता है कि यदि आवेदक या आरोपी निचली अदालत में आज से आठ दिनों की अवधि में आवेदन करता है तो जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया जाता है कि उपलब्ध कराए गए दस्तावेज पढ़े जाने योग्य नहीं हैं तो निचली अदालत इस पर विचार कर तेजी से निर्णय करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसे दस्तावेजों की पढ़े जाने योग्य प्रतियां उसे उपलब्ध कराई जाएं।” यह मामला वर्ष 2000 का है जिसमें वाराणसी में समवासिनी घोटाले में कुछ कांग्रेसी नेताओं को कथित तौर पर फर्जी फंसाए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए कथित तौर पर हंगामा किए जाने के लिए सुरजेवाला और अन्य कांग्रेसी नेताओं पर मामला दर्ज किया गया था।