By प्रेस विज्ञप्ति | Aug 19, 2023
नई दिल्ली। आज हुई महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में कुछ महत्वपुर्ण निर्णय लिये गये जिसमें राज्य के 17 जिलों के सभी आदिवासी बस्तियों से, बाडे, पाडे को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए भगवान बिरसा मुंडा जोड़ सड़क योजना लागू करने का निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की। इस प्रोजेक्ट पर करीब 5 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। कुल 6838 कि.मी. लंबी सड़कें बनेंगी।
सड़क के अभाव के कारण आदिवासी गांवों और पड़ावों में कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घटती हैं। इस योजना से यह जोड़ रास्ते मुख्य सड़कों से जुड़े रहेंगे। हाल के बजट सत्र में, उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने सभी आदिवासी बस्तीयों को बारहमासी सड़क से जोड़ने के लिए भगवान बिरसा मुंडा जोड़रस्ते योजना के कार्यान्वयन की घोषणा की। इन सड़कों के लिए आदिवासी विकास विभाग की एक अलग समिती होगी और लोक निर्माण विभाग इन सड़कों का निर्माण करेगा।
इस योजना के तहत, सभी आदिवासी बाडों, पाड़ओं को बारहमासी मुख्य सड़कों से जोड़ने, आदिवासी उप-योजना क्षेत्रों में सभी आठ महीने की सड़कों को बारहमासी बनाने और आदिवासी उप-योजना में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों/आश्रमशालाओं को जोड़ने के लिए एक कार्यक्रम चलाया जाएगा। क्षेत्रों से लेकर मुख्य सड़कों तक। इसस जनजातीय लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में आने वाली कठिनाइयां दूर होंगी।
गौरी गणपति, दिवाली पर राज्य के राशन कार्ड धारकों को 100 रुपये आनंद राशन (शिधा) देने का फैसला लिया गया। इस रेशन मे एक-एक किलो सूजी, चना दाल, चीनी और एक लीटर खाने का तेल दिया जायेंगा. राशन अंत्योदय खाद्य योजना और प्राथमिकत राशन कार्ड धारकों को दिया जायेंगा साथही औरंगाबाद और अमरावती डिवीजन, नागपुर डिवीजन के वर्धा ऐसे 14 जिलो मे आत्महत्या प्रभावित जिलो के किसानों को इसका लाभ मिलेगा। गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) और नारंगी राशन कार्ड धारकों के ये राशन दिया जायेंगा। यह राशन 19 सितंबर को गौरी गणपति उत्सव के अवसर पर और फिर 12 नवंबर से दिवाली के अवसर पर वितरित किया जाएगा। राज्य के कुल 1 करोड़ 65 लाख 60 हजार 256 राशन कार्ड धारकों को यह राशन मिलेगा। इस खरीद के लिए थोक बाजार दर और सहायक लागत सहित 827 करोड़ 35 लाख की अनुमानित लागत को मंजूरी दी गई थी।
केंद्र के निर्देशानुसार राज्य में पोषण अभियान कार्यक्रम लागू करने का निर्णय आज हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. इस अभियान में राज्य की हिस्सेदारी अब बढ़कर 40 प्रतिशत हो गयी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 से राज्य में क्रियान्वित होने वाला केन्द्र प्रायोजित कार्यक्रम पोषण अभियान अब पोषण 2.0 के तहत केन्द्र सरकार द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुरूप राज्य में क्रियान्वित किया जायेगा। पहले इस कार्यक्रम के लिए केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 80:20 थी लेकिन अब इसे संशोधित कर 60:40 करने को मंजूरी दी गई है। इस पोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य 0 से 6 वर्ष के बच्चों में कम ऊचाई, कुपोषण, एनीमिया की व्यापकता को कम करना है। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए मोबाइल फोन, सिम कार्ड उपलब्ध कराए जाते हैं। साथ ही प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इससे राज्य को 153 करोड़ 98 लाख रुपये का खर्च आने का अनुमान है।