By अनुराग गुप्ता | Aug 17, 2022
पटना। बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार के एक दिन बाद ही विवाद खड़ा हो गया। राजद कोटे से मंत्री बने कार्तिकेय सिंह के खिलाफ किडनैपिंग का केस दर्ज है और उन्हें 16 अगस्त को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए वारंट जारी हुआ था। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीतीश सरकार पर हमलावर नजर आ रही है। कभी नीतीश कुमार के सहयोग रहे भाजपा नेता सुशील मोदी ने मामले में तल्ख टिप्पणी की है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के क़ानून मंत्री (कार्तिकेय सिंह) पर 2014 में अपहरण का मामला दर्ज़ है जिसको उन्होंने अपने हलफनामे में भी स्वीकार किया है उसी मामले में इनको 16 अगस्त को आत्मसमर्पण करना था लेकिन वे शपथ लेने चले गए। यह सब मुख्यमंत्री की जानकारी में था। इसके साथ ही उन्होंने कार्तिकेय सिंह को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की।
सुशील मोदी की टिप्पणी पर नीतीश कुमार का बयान भी सामने आया है। उन्होंने सुशील मोदी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। आपको बता दें कि बिहार में 16 अगस्त को दो सदस्यीय मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ, इसमें 31 विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई गई। इस दौरान राजद के 16, जदयू के 11, कांग्रेस के 2 तथा एक निर्दलीय सहित कुल 31 विधायकों ने पद एवं गोपनियता की शपथ ली।
कार्तिकेय को अंतरिम सुरक्षा की गई प्रदान
इसी बीच दानापुर अदालत के आदेश की एक कॉपी सामने आई है। जिसके मुताबिक, कार्तिकेय सिंह को अदालत ने 12 अगस्त को एक आदेश में 1 सितंबर तक अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी। दरअसल, शपथ लेने वाले राजद नेताओं में कार्तिकेय सिंह भी शामिल थे और फिर उन्हें कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई।