By अंकित सिंह | Aug 16, 2022
राजस्थान में भले ही कांग्रेस की सरकार है। लेकिन अक्सर पार्टी के भीतर तनातनी की खबरें आती रहती हैं। राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच का मनमुटाव जगजाहिर है। हालांकि, कांग्रेस आलाकमान का लगातार दावा रहता है कि पार्टी में कोई समस्या नहीं है और दोनों नेता अपना अपना काम बखूबी अच्छे से कर रहे हैं। इन सब के बीच एक बार अशोक गहलोत ने फिर से कुछ ऐसा बयान दिया है जिसे माना जा रहा है कि उनका निशाना कहीं ना कहीं सचिन पायलट पर ही रहा होगा। हालांकि, अशोक गहलोत ने इस दौरान किसी का नाम नहीं लिया है। दरअसल, अशोक गहलोत जयपुर के शहीद स्मारक पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं के मान सम्मान का जिक्र किया। उन्होंने सचिन पायलट का बिना नाम लिए कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे ही कुछ नेता कार्यकर्ताओं को भड़काते हैं।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कार्यकर्ताओं का मान सम्मान होना चाहिए, आजकल यह जुमला हो गया है। अशोक गहलोत के इस बयान की चर्चा हो रही है। उन्होंने सवाल करते हुए पूछा किकार्यकर्ताओं का मान-सम्मान आपने किया है क्या कभी? जानते भी हो कि क्या होता है कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान? हम तो मान-सम्मान पाते-पाते ही कार्यकर्ता से नेता बने हैं। गौरतलब है कि पायलट बार-बार यह मांग उठाते हैं कि 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने वाले कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान होना चाहिए। एक मौके पर उन्होंने कहा था कि मुझे पूरा विश्वास है कि अगर हम कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान देंगे और अतिरिक्त मेहनत के साथ जनता के बीच जाएंगे तो जब राज्य में (2023 के आगामी विधानसभा) चुनाव होंगे, उसमें कांग्रेस को जीत मिल सकती है।
गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि वह एक ऐसे कार्यकर्ता थे, जिसने भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) में रहते हुए पूरे राजस्थान का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि वह झालावाड़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर में जब मोटरसाइकिल से भ्रमण पर निकले थे तो उस समय वहां घने जंगल थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान सर्वोपरि है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि कांग्रेस के अच्छे दिन आएंगे, भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे वाले अच्छे दिन आएं या न आएं। बहरहाल, शाम को मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लंपी वायरस संक्रमण पर जनप्रतिनिधियों की सर्वदलीय बैठक के दौरान गहलोत ने विचार व्यक्त करने के लिए पायलट का नाम पुकारा। हालांकि, पायलट बैठक में मौजूद नहीं थे।