By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 12, 2022
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने रविवार को कहा कि अब समय बदलाव का नहीं बल्कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को श्रद्धांजलि देने का है। कई लोग दिवंगत महारानी के प्रति आस्ट्रेलियाई लोगों के सम्मान और स्नेह को बाधा के रूप में देखते हैं, जिसके कारण उनका देश गणतंत्र नहीं बन सका। अल्बनीज ने खुद को ‘‘गैर-एंग्लो सेल्टिक’’ नाम वाला पहला उम्मीदवार बताया था, जिसने प्रधानमंत्री पद की दौड़ में भाग लिया। एंथनी ने गणतंत्र के लिए सहायक मंत्री का नया पद सृजित किया था और इस पर जून में मैट थिस्टलेथवेट को नियुक्त किया था।
महारानी के निधन के बाद एक सवाल के जवाब में अल्बनीज ने ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्प को बताया कि, ‘‘यह सरकार की प्रणाली के बारे में बात करने का समय नहीं है, अभी महारानी एलिजाबेथ को श्रद्धांजलि देने का समय है।’’ अल्बनीज ने इससे पहले कहा था कि एक गणतंत्र के लिए जनमत संग्रह सरकार में उनके पहले तीन साल के कार्यकाल की प्राथमिकता नहीं है। महारानी 1954 में ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करने वाली एकमात्र ब्रिटिश साम्राज्ञी बनीं।
जब वह अपने पति प्रिंस फिलिप के साथ 57 शहरों में घूमीं, तो लगभग 70 फीसदी ऑस्ट्रेलियाई आबादी उन्हें देखने के लिए उमड़ पड़ी। महारानी ने ऑस्ट्रेलिया का 16 बार दौरा किया था और उनका आखिरी दौरा वर्ष 2011 में तब हुआ था, जब वह 85 वर्ष की थीं। ‘ऑस्ट्रेलियन रिपब्लिक मूवमेंट’ नामक संगठन की ओर से महारानी के निधन की खबर के तुरंत बाद जारी किए गए एक राजनीतिक बयान पर व्यापक रूप से आलोचना की गई थी।
यह संगठन जो ऑस्ट्रेलिया को एक ऐसा गणतंत्र बनाने के लिए अभियान चलाता है जो किसी भी राजनीतिक दल से असंबद्ध होगा। बयान में वर्ष 1999 के जनमत संग्रह के बारे में महारानी की टिप्पणियों का उल्लेख किया गया था, जिसने ब्रिटिश महारानी को ऑस्ट्रेलिया के राज्य प्रमुख के रूप में बनाए रखने के लिए मतदान किया गया था।