दुनिया पिछले दो साल से ज्यादा समय से कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप झेल रही हैं। कुछ समय पहले ही सब धीरे-धीरे ठीक होना शुरू हुआ था। लेकिन अब एक बार फिर लोगों को खौफ में डालने वाली खबर सामने आ रही है। खबर है कि, रूस में चमगादड़ों में एक नया वायरस पाया गया है, जो कोरोना वायरस की ही तरह मनुष्यों को संक्रमित करने में सक्षम है। चौकाने वाली बात यह है कि इस वायरस पर कोविड-19 के खिलाफ दिये जा रहे टीकों का कोई असर नहीं होता है।
वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी (डब्लूएसयू) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में चमगादड़ में खोस्टा-2 नाम का वायरस पाया गया है। इस वायरस में स्पाइक प्रोटीन मिले हैं जो मानव कोशिकाओं को संक्रमित कर सकते हैं। यह सार्स-सीओवी-2 का टीका लगवा चुके लोगों से ब्लड सीरम लेने की पद्धति और एंटीबॉडी थैरेपी दोनों के लिहाज से ही प्रतिरोधी हैं। डब्लूएसयू का ये अध्ययन पीएलओएस पैथजन पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
खोस्टा-2 और COVID-19 में क्या समानताएं हैं?
खोस्टा-2 और सार्स-सीओवी-2 दोनों कोरोना वायरस की एक ही उप-श्रेणी से संबंध रखते हैं, जिन्हें सरबेकोवायरस के नाम से जाना जाता है। COVID-19 वायरस की तरह, खोस्टा-2 में भी मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने और उन्हें संक्रमित करने के लिए स्पाइक प्रोटीन का इस्तेमाल करता है।
अध्ययन के लेखक माइकल लेतको ने कहा, 'हमारा शोध यह दर्शाता है कि एशिया के बाहर वन्यजीवों में मिलने वाले सर्बेकोवायरस वैश्विक स्वास्थ्य और सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ जारी टीकाकरण अभियान के लिए खतरा पैदा करने वाले हैं।' लेतको ने आगे कहा, 'इस समय, कुछ समूह ऐसा टीका विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं जो न केवल एस-2 के नये स्वरूप के खिलाफ संरक्षण प्रदान करे, बल्कि हमें सामान्य रूप से सर्बेकोवायरस के खिलाफ वास्तव में सुरक्षा दे।'