अवैध खनन मामले में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को सीबीआई ने समन भेजा है। 160 सीआरपीसी के तहत समन भेजा गया है। यह मामला अवैध खनन से जुड़ा है जब 2012 से 2016 के बीच अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। इस मामले में सीबीआई ने 29 फरवरी को गवाह के तौर पर अखिलेश यादव को बुलाया है और समन भेजा है। यह आरोप लगाया गया था कि लोक सेवकों ने अन्य आरोपियों के साथ आपराधिक साजिश में 2012-2016 की अवधि के दौरान जिला हमीरपुर (यूपी) में लघु खनिजों के अवैध खनन की अनुमति दी।
आगे आरोप लगाया गया कि उन्होंने अवैध रूप से रेत के खनन के लिए नए पट्टे दिए, मौजूदा पट्टों का नवीनीकरण किया और मौजूदा पट्टाधारकों को बाधित अवधि की अनुमति दी और इस तरह सरकारी खजाने को गलत नुकसान पहुंचाया और खुद को अनुचित लाभ पहुंचाया। यह भी आरोप लगाया गया था कि अन्य व्यक्तियों को गौण खनिजों का अवैध उत्खनन करने, गौण खनिजों की चोरी करने और पट्टाधारकों के साथ-साथ गौण खनिजों का परिवहन करने वाले वाहनों के चालकों से धन उगाही करने की अनुमति दी गई थी।
इससे पहले, 05.01.2019 को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर, जालौन, नोएडा, कानपुर और लखनऊ जिलों और दिल्ली में 12 स्थानों पर भी तलाशी ली गई थी। तलाशी के दौरान अवैध रेत खनन से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री; भारी नकदी और सोना बरामद किया गया। इससे पहले अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में कथित रूप से ‘क्रॉस वोटिंग’ करने वाले पार्टी के विधायकों में से कुछ ‘‘जान बचाने के लिए’’ और कुछ ‘‘दबाव में’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ चले गये हैं और उन्होंने इन सभी पर ‘‘स्थापित नियमों’’ के अनुरूप कार्रवाई करने की बात कही।