By नीरज कुमार दुबे | Jul 18, 2024
उत्तर प्रदेश भाजपा में चल रही आपसी खींचतान के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज सोशल मीडिया मंच एक्स पर किये गये ट्वीट से सनसनी फैला दी। उन्होंने लिखा- मानसून ऑफर, सौ लाओ, सरकार बनाओ। हम आपको बता दें कि अखिलेश यादव का स्पष्ट इशारा उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की तरफ था। अखिलेश 2022 विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भी केशव प्रसाद मौर्य को सार्वजनिक रूप से यह प्रस्ताव दे चुके थे कि सौ विधायक लाओ, हम समर्थन करके आपकी सरकार बनवा देंगे। एक तरह से उन्होंने फिर से वही प्रस्ताव मौर्य के समक्ष दोहरा दिया है। यहां यह आश्चर्यजनक है कि जब अखिलेश यादव की पार्टी के विधायक या सांसद पाला बदलते हैं तो वह इसे लोकतंत्र की हत्या और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग बताते हैं लेकिन दूसरी ओर वह खुलेआम दूसरे दल में तोड़फोड़ के लिए नेताओं को ऑफर दे रहे हैं। अखिलेश यादव एक ओर संविधान की प्रति दिखा कर उसका पालन करने की बात करते हैं तो दूसरी तरफ लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों का मखौल उड़ाते हैं। देखा जाये तो आज की राजनीति में नेताओं का दोहरा चरित्र इसे ही कहते हैं।
जहां तक केशव प्रसाद मौर्य की बात है तो आपको बता दें कि मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के दौरान उन्हें सख्त हिदायत दी गयी कि सोशल मीडिया पर अनाप शनाप टिप्पणियां नहीं करें और पार्टी में एकजुटता बनाये रखने में पूरा सहयोग करें। केशव प्रसाद मौर्य बुधवार को लखनऊ लौट आये। उनको उम्मीद है कि जल्द ही उनकी ताजपोशी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद पर कर दी जायेगी। माना जा रहा है कि केशव प्रसाद मौर्य ज्यादा समय तक योगी सरकार में बने नहीं रहेंगे। इसके संकेत बुधवार को तब और मिल गये जब 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ बैठक की। इस बैठक में आगामी उपचुनावों को देखते हुए मंत्रियों को जिम्मेदारी बांटी गयी। खास बात यह थी कि इस बैठक में दोनों उपमुख्यमंत्री यानि केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक उपस्थित नहीं थे।
हम आपको यह भी बता दें कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं होने के कारण चल रहे मंथन एवं समीक्षाओं के दौर तथा संगठन एवं सरकार में बड़ा कौन का मुद्दा गर्माने के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस दौरान भूपेंद्र चौधरी ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस राज्य में पार्टी के संगठनात्मक मामलों से संबंधित कई मुद्दों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया। बताया जा रहा है कि भूपेंद्र चौधरी ने प्रधानमंत्री को हार के कारणों को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने जीती और हारी, सभी सीटों को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के साथ विस्तृत चर्चा की। देखा जाये तो यह अपने आप में महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री किसी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से इतनी लंबी चर्चा करें।
प्रधानमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की यह मुलाकात इस मायने में भी महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के मुकाबले कम सीटें पाने के बाद भाजपा के भीतर अलग-अलग आवाजें उठ रही हैं। लोकसभा चुनाव में विपक्ष के प्रदर्शन और भाजपा को लगे झटके के बाद संगठन में चल रही खींचतान भाजपा के लिए चिंता का सबब बनी हुई है क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से भाजपा के एक प्रमुख राजनीतिक ताकत के रूप में उभरने में उत्तर प्रदेश का बड़ा योगदान माना जाता है।