By अंकित सिंह | Jan 29, 2022
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक वार पलटवार तेज होता दिखाई दे रहा है। समाजवादी पार्टी और भाजपा एक दूसरे पर खूब हमलावर है। भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। खुद गृह मंत्री अमित शाह डोर टू डोर कैंपेन कर रहे हैं और चुनावी पर्चे बांट रहे हैं। इसी को लेकर अब अखिलेश यादव ने तंज कसा है। अखिलेश यादव ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी के लोग पर्चा बैठकर कोरोना फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से इस पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि लोग भूल गए हैं कि कोरोना कैसे फैलता है। आपको बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गृह मंत्री अमित शाह कैराना मथुरा मुजफ्फरनगर का दौरा कर चुके हैं। अखिलेश यादव का यह तंज उससे वायरल वीडियो के संदर्भ में भी है जिसमें अमित शाह थूक का उपयोग करते हुए पर्चे उठा रहे हैं।
अमित शाह का या वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने भी अपने ट्विटर पर इस वीडियो को साझा किया है। दूसरी और अखिलेश यादव जयंत चौधरी के साथ मिलकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं। अखिलेश यादव ने दावा किया कि सपा-रालोद गठबंधन का उद्देश्य नकारात्मक राजनीति को खत्म करना है। हिंदुओं के पलायन पर पूछे गए सवाल को लेकर अखिलेश यादव ने दावा किया कि इस बार उत्तर प्रदेश से भाजपा का राजनीतिक पलायन होगा। गाजियाबाद में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को जनता को बताना चाहिए कि वे 3 कृषि कानून उनके लिए कैसे फायदेमंद थे और अब जब उन्होंने इसे वापस ले लिया है, तो उन्हें भी कहना चाहिए कि वे उनके लिए कैसे फायदेमंद नहीं थे। भाजपा ने किसानों का अपमान किया, उनकी आय दोगुनी नहीं की।
वोट की खातिर कृषि कानून वापस लिये: अखिलेश
अखिलेश यादव ने किसानों से भारतीय जनता पार्टी से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल (भाजपा) की सरकार ने सिर्फ वोट की खातिर अपने विवादास्पद कृषि कानून वापस लिए हैं। उन्होंने कहा कि सपा-रालोद के सरकार में आने पर 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी और सिंचाई शुल्क भी माफ होगा। सपा प्रमुख ने कहा कि उनके गठबंधन की सरकार के आने पर किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद के लिए सरकार की तरफ से जो इंतजाम करने पड़ेंगे, वे किए जाएंगे। अखिलेश ने यह भी कहा कि उनकी सरकार आने पर ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि किसानों को गन्ने के भुगतान के लिए इंतजार न करना पड़े।