By अंकित सिंह | Mar 13, 2022
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं। तमाम पार्टियों ने चुनावों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। बावजूद इसके सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने दम पर सरकार बना लिया है। भाजपा ने अपने सहयोगियों के साथ 403 सीटों वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा में 273 सीटों को अपने नाम किया है। जबकि लगातार सरकार बनाने का हुंकार भरने वाले अखिलेश यादव और उनकी पार्टी को एक बार फिर से सत्ता नहीं मिली है। अखिलेश यादव अपने गठबंधन के सहयोगियों के साथ सिर्फ 125 सीटें ही जीत सके हैं। भाजपा की सत्ता वापसी कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है। हार के बाद समाजवादी पार्टी की ओर से प्रतिक्रिया भी आई है। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी अब बड़ा फैसला भी ले सकती है।
जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव को नेता प्रतिपक्ष बना सकते हैं। अखिलेश यादव ने 21 मार्च को विधायक दल की बैठक बुलाई है जिसमें शिवपाल यादव के नाम पर सहमति बन सकती है। सूत्रों के मुताबिक शिवपाल यादव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में नजर आ सकते हैं। पहले यह पद वरिष्ठ नेता रामगोविंद चौधरी के पास था। हालांकि वह इस बार का विधानसभा चुनाव हार गए हैं। रामगोविंद चौधरी बलिया के बासडीह सीट से चुनावी मैदान में थे। शिवपाल यादव ने इटावा के जसवंतनगर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की है।
शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे हैं। वह मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई भी हैं। 2017 में अखिलेश यादव से अनबन के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बना ली थी। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव केंद्र की राजनीति में सक्रिय रहना चाहते हैं। इसलिए वह विधायक पद छोड़ देंगे और आजमगढ़ से सांसद बने रहेंगे। ऐसे में राज्य की राजनीति में समाजवादी पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी शिवपाल यादव के पास होगी। शिवपाल यादव पहले भी समाजवादी पार्टी के लिए संगठन में काम करते रहे हैं।