By अंकित सिंह | Dec 03, 2024
संभल हिंसा को लेकर मंगलवार को संसद में एक बार फिर हंगामा हुआ। इस दौरान समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर आरोप लगाए। लोकसभा में बोलते हुए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि संभल भाईचारे के लिए जाना जाता था लेकिन संभल के भाईचारे को गोली मारी गई है। उन्होंने दावा किया कि संभल में जो घटना हुई है वह सोची समझी साजिश है और संभल में भाईचारे पर गोली चलाई गई है। भाजपा और उसके सहयोगी देश भर में जो खुदाई की बातें कर रहे हैं, उससे देश का भाईचारा खत्म हो जाएगा।
अखिलेश ने कहा कि ये सरकार संविधान को नहीं मानती। 19 नवंबर को सर्वे की याचिका दायर की गई। दूसरे पक्ष को सुने बिना सर्वे का आदेश दे दिया गया। एकबार सर्वे के बाद जब ये हो गया कि अब रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी, फिर सर्वे की क्या जरूरत थी। उन्होंने दावा किया कि लोगों को पुलिस ने नमाज पढ़ने से रोका गया। लोगों ने दोबारा सर्वे की वजह जाननी चाही तो पुलिस प्रशासन ने बेकसूरों को गोली मारी। संभल में माहौल बिगाड़ने वालों और पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। ये लखनऊ और दिल्ली की लड़ाई है।
राज्यसभा में सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा ने कहा कि 24 नवंबर को सुबह 6 बजे पूरे संभल में पुलिस तैनात कर दी गई। संभल के लोगों को पता ही नहीं था कि पुलिस क्यों तैनात की जा रही है। कुछ देर बाद DM, SSP, वकील और कुछ लोग पुलिस के साथ ढोल बजाते हुए मस्जिद में घुस गए। उन्होने दावा किया कि भीड़ को शक था कि वे मस्जिद में तोड़फोड़ करने जा रहे हैं। SDM ने पानी की टंकी खोली और जब पानी बाहर निकलने लगा तो लोगों को शक हुआ कि उसमें कुछ गड़बड़ है और फिर वहां अशांति फैल गई।
सपा नेता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने गोलियां चलाईं, 5 लोग मारे गए, 20 लोग घायल हुए, सैकड़ों लोगों पर केस दर्ज किए गए और कई लोग जेल में हैं, जो पकड़े गए उन्हें बुरी तरह पीटा गया। उन्होंने कहा कि मेरा और कई अन्य लोगों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में पहले जो चुनाव हुए थे, उसमें पड़ोसी जिलों की पुलिस ने किसी को वोट नहीं डालने दिया और जबरन चुनाव अपने कब्जे में ले लिया। यह सब एक तरह से उस बात से ध्यान हटाने के लिए हुआ।