Maha Kumbh Mela में गैर हिंदुओं को दुकानें नहीं दी जाएं, अखाड़ा परिषद की मांग को लेकर बढ़ा विवाद

By नीरज कुमार दुबे | Nov 09, 2024

अखाड़ा परिषद ने मांग की है कि महाकुंभ मेले में गैर हिंदुओं को खानपान की दुकानें आवंटित नहीं की जायें। दरअसल साधु-संतों का कहना है कि कुंभ में ‘थूक लगाने की नीति अपनाने वाले गिरोह’ का कोई भी सामान नहीं बिकना चाहिए। अखाड़ा परिषद की इस मांग के विरोध में कुछ राजनीतिक दल भी खड़े हो गये हैं जिसके चलते विवाद बढ़ गया है। मेला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मेले में दुकानें निविदा प्रक्रिया से ही आवंटित होंगी। हम आपको बता दें कि प्रयागराज में लगने वाले कुम्भ और महाकुंभ मेले में हमेशा से दुकानें निविदा प्रक्रिया से आवंटित होती रही हैं जिसमें किसी वर्ग विशेष को दुकानें आवंटित करने पर रोक नहीं है। हालांकि, खाने-पीने की वस्तुओं में गंदगी मिलाए जाने का पिछले दिनों कई वीडियो वायरल होने के बाद से अखाड़ा परिषद गैर सनातनियों को खानपान की दुकानें आवंटित करने का विरोध कर रहा है।


दुकानों के मुद्दे पर कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा है कि जो दुकानें आवंटित होती हैं, वह निविदा प्रक्रिया से होती हैं। दुकानें निविदा प्रक्रिया के अनुसार ही आवंटित होंगी। यह बड़ा मेला है जहां दुनियाभर से लोग आएंगे.. हम इसी प्रक्रिया से दुकानें आवंटित करेंगे। वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि हमारा विरोध किसी वर्ग विशेष से नहीं है। उन्होंने कहा कि हाल ही में खाने में थूक, पेशाब आदि मिलाकर परोसे जाने का वीडियो सामने आने के बाद हमारी मांग है कि जूस की दुकान, खानपान की दुकान, ढाबा आदि गैर सनातनियों को ना दी जाएं। उन्होंने कहा, “इस मेले में देशभर से साधु संत, तपस्वी आते हैं और गैर सनातनी लोग खाने पीने की चीजों में गंदगी मिलाकर उनका धर्म भ्रष्ट कर सकते हैं। इसलिए हमारी मांग है कि खानपान की दुकानें केवल सनातनियों को ही आवंटित की जाएं।”

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वहीं अखिल भारतीय संत समिति ने हिंदू समुदाय की ‘‘सुरक्षा’’ और आगामी कुंभ मेले की ‘‘पवित्रता’’ के प्रति चिंता का हवाला देते हुए ऐलान किया है कि मेले में किसी भी तरीके से ‘‘थूक लगाने की नीति अपनाने वाले गिरोह’’ का कोई भी सामान बिकना नहीं चाहिए। अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, ‘‘किसी भी परिस्थिति में हम इस मुद्दे पर समझौता नहीं करेंगे।’’ उन्होंने कुंभ में मुस्लिम विक्रेताओं को दुकानें लगाने की अनुमति देने के लिए कुछ धर्मनिरपेक्ष नेताओं की हालिया मांग को लेकर कहा, ‘‘कुंभ दुनिया में स्वच्छता का सबसे बड़ा और सबसे प्राचीनतम व्यवस्था है। कुंभ के दौरान भयानक ठंड में कल्पवासी दोनों समय स्नान करते हैं, ऐसे में हम थूक लगाने की नीति अपनाने वाले गिरोह पर कैसे भरोसा कर सकते हैं।’’ जितेन्द्रानंद ने कहा कि 12 वर्षों में आने वाले हमारे पवित्र त्योहार कुंभ में रोजी रोटी और पेट पालने के नाम पर हम हिंदुओं के सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, ‘‘समिति का मानना है कि कुंभ परिक्षेत्र तो दूर की बात है, कुंभ के 50 किलोमीटर के दायरे में किसी भी नए व्यक्ति को दुकान लगाने और सामान बेचने की इजाजत नहीं होनी चाहिए।’’ उन्होंने यह भी कहा कि हम किसी भी ‘हलाला सर्टिफाइड’ हिन्दू अथवा मुस्लिम व्यापारी को कतई स्वीकार नहीं करेंगे। समिति ने उत्तर प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि वह कुंभ की व्यवस्था वैदिक परंपराओं के अनुरूप सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें कुंभ मेले में वैदिक परंपराओं के अनुरूप व्यवस्था चाहिए। मेले में किसी भी तरीके से थूक लगाने की नीति अपनाने वाले गिरोह का कोई भी समान बिकना नहीं चाहिए। यह हिन्दू समाज के सुरक्षा और मेले की पवित्रता का सवाल है। हम इस पर कोई समझौता नहीं कर सकते।''

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