By अंकित सिंह | Jun 24, 2022
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास आघाडी की सरकार कहीं ना कहीं अल्पमत में दिखाई दे रही है। दरअसल, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के विधायकों ने बगावत के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी दो फाड़ नजर आ रही है। एकनाथ शिंदे की ओर से दावा किया जा रहा है कि उनके पास शिवसेना के दो तिहाई विधायक हैं। इन सबके बीच एनसीपी ने एक बार फिर से उद्धव ठाकरे का समर्थन किया है। आपको बता दें कि महा विकास आघाडी सरकार का नेतृत्व शिवसेना कर रही है। जबकि एनसीपी और कांग्रेस उसका समर्थन कर रही है। अजित पवार ने साफ तौर पर कहा है कि आघाडी सरकार के पास बहुमत है। अजित पवार उद्धव ठाकरे किस सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं।
अजित पवार ने दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पूरी तरीके से उद्धव ठाकरे के साथ है। आज शाम में शरद पवार, मैं और पार्टी के कुछ और नेता उद्धव ठाकरे से मिलेंगे। इस मुलाकात में आगे के बारे में निर्णय लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट शिवसेना का अंदरूनी मामला है। उन्होंने कहा कि सरकार को फिलहाल फैसला लेने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि हम सत्ता में हैं और हमारे पास बहुमत है। हम सरकार के रूप में निर्णय ले रहे हैं। अगर आप सत्ता में होते और बहुमत रखते तो क्या आप ऐसा नहीं करते? सरकार को ऐसे निर्णय लेने का अधिकार है। संबंधित मंत्री और अधिकारी मिलकर निर्णय ले रहे हैं। आपको बता दें कि पिछले 2 दिनों से एनसीपी सरकार बचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध नजर आ रही है। खुद शरद पवार ने बागी विधायकों को कड़ा और बड़ा संदेश दिया था। शरद पवार ने साफ तौर पर कहा था कि बागी विधायकों को हर हाल में मुंबई लौटना होगा।
राकांपा मुख्यमंत्री ठाकरे के साथ खड़ी है: अजित पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कहा कि वह महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी और पार्टी दृढ़ता से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ खड़ी है। राज्य में मौजूदा राजनीतिक संकट की पृष्ठभूमि में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की अध्यक्षता में पार्टी की बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि उनकी पार्टी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले एमवीए के साथ है। राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने कहा, हम गठबंधन सरकार को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, मैंने (राजनीतिक संकट के बारे में) फोन पर उद्धव ठाकरे से बात की। अजित पवार, जिनके पास वित्त विभाग भी है, ने इस आलोचना को खारिज किया कि उन्होंने एमवीए सहयोगी कांग्रेस और शिवसेना को विकास निधि देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा, मैंने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। बजटीय फंड में कभी कोई कटौती नहीं की गई।