By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 27, 2024
न्यूयॉर्क (अमेरिका) । इजराइल ने यमन से दागी गई एक मिसाइल को मार गिराया जिसके कारण देश के समूचे मध्य क्षेत्र में हवाई हमले के सायरन बजाए गए। इजराइल की सेना ने यह जानकारी दी। इजराइल के तटीय शहर तेल अवीव सहित घनी आबादी वाले मध्य क्षेत्र मेंहवाई हमले के सायरन की आवाज सुनी गई। करीब दो सप्ताह पहले यमन की ओर से एक और मिसाइल मध्य इजराइल में दागी गई थी। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बृहस्पतिवार को संकल्प जताया कि हिज्बुल्ला के खिलाफ ‘‘पूरी ताकत’’ से हमले तब तक जारी रहेंगे जब तक कि वह सीमा पार से रॉकेट दागना बंद नहीं कर देता।
नेतन्याहू की इस घोषणा से अमेरिका और यूरोपीय अधिकारियों द्वारा पेश किए गए युद्धविराम प्रस्ताव की उम्मीदें धूमिल हो गईं। संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क पहुंचने पर नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल की ‘‘नीति स्पष्ट है। हमने पूरी ताकत से हिज्बुल्ला पर हमले करना जारी रखा है और हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हम अपने सभी लक्ष्यों को हासिल नहीं कर लेते, जिनमें से सबसे प्रमुख लक्ष्य उत्तरी क्षेत्र के निवासियों की सुरक्षित अपने घरों में वापसी कराना है।’’
उनकी टिप्पणियों से ठीक पहले, इजराइल की सेना ने कहा कि उसने बेरूत के उपनगरीय इलाके में हवाई हमले में हिज्बुल्ला के ड्रोन कमांडर मोहम्मद हुसैन सुरूर को मार गिराया। बाद में हिज्बुल्ला ने सुरूर की मौत की पुष्टि की। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हमले में दो लोग मारे गए और 15 घायल हो गए। ‘एसोसिएटेड प्रेस’ द्वारा घटनास्थल की जारी की गई तस्वीरों में दहियाह में एक आवासीय इमारत में जलता हुआ अपार्टमेंट दिख रहा है, जो मुख्य रूप से शिया उपनगर है जहां हिज्बुल्ला की मजबूत उपस्थिति है।
लेबनान की राजधानी में इजराइल के हालिया हमले में हिज्बुल्ला का एक वरिष्ठ कमांडर मारा गया और आतंकवादी समूह ने इजराइल को निशाना बनाकर कई रॉकेट दागे। इजराइल और लेबनान के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले हजारों नागरिक इस लड़ाई के कारण विस्थापित हो गए हैं। हिज्बुल्ला के ठिकानों पर इजराइल के हमले तेज करने के कारण इस सप्ताह लेबनान में लगभग 700 लोग मारे गए हैं। इजराइल का कहना है कि वह हिज्बुल्ला के सैन्य ठिकानों को निशाना बना रहा है। इजराइल के नेताओं का कहना है कि वे समूह के सीमा पार हमलों को रोकने के लिए दृढ़ हैं। हमास के सात अक्टूबर के हमले के बाद गाजा में युद्ध भड़क गया और हिज्बुल्ला ने समूह के समर्थन में हमले शुरू किए थे।