कोरोना वायरस का ‘शिकार’ हुई एयर डेक्कन, कर्मचारियो को बिना वेतन छुट्टी पर भेजा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 05, 2020

क्षेत्रीय विमानन कंपनी एयर डेक्कन कोरोना वायरस संकट की वजह से पैदा हुए दबाव को नहीं झेल पा रही है और अपना परिचालन बंद करने की घोषणा की है। साथ ही उसने सभी कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेज दिया है। कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सरकार ने देश में 21 दिन का ‘प्रतिबंध’ लगा रखा है। इस राष्ट्रव्यापी बंदी से विमानन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। एयर डेक्कन पहली विमानन कंपनी बन गई है जो इस दबाव को नहीं झेल पाई है। एयर डेक्कन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अरुण कुमार सिंह ने कर्मचारियों को भेजे ई-मेल में कहा, ‘‘मौजूदा घरेलू और वैश्विक मुद्दों की वजह से नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 14 अप्रैल तक सभी वाणिज्यिक उड़ानें बंद करने का निर्देश दिया है। ऐसे में एयर डेक्कन के पास अगले नोटिस तक अपना परिचालन बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारी मन से मुझे यह सूचित करना पड़ रहा है कि एयर डेक्कन के सभी स्थायी, अस्थायी और ठेका कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बिना वेतन के छुट्टी पर भेजा जा रहा है।’’ पीटीआई के पास इस ई-मेल की प्रति है।

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एयर डेक्कन के बेडे़ में चार 18 सीटों के बीचक्राफ्ट विमान है। एयरलाइन पश्चिम भारत में क्षेत्रीय मार्गों पर परिचालन करती है। मुख्य रूप से एयरलाइन का केंद्र गुजरात है। सिंह ने ई-मेल में कहा, ‘‘अगले सप्ताह प्रबंधन कुछ महत्वपूर्ण पदों को जारी रखने के लिए विभाग प्रमुखों के साथ बैठक करेगा। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि जब उचित समय आएगा तो एयरलाइन सीमित प्रयासों से परिचालन फिर शुरू कर सकेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रूप से आपको भरोसा दिलाता हूं कि जब डेक्कन अनुकूल परिस्थितियों में परिचालन फिर शुरू करेगी तो सभी मौजूदा कर्मचारियों को उनके वर्तमान पदों पर काम करने का प्रस्ताव पहले दिया जाएगा।’’ देश में 25 मार्च से 21 दिन की राष्ट्रव्यापी बंदी लागू है। इसके चलते सभी घरेलू और अंतररष्ट्रीय उड़ानें बंद हैं। हालांकि, बंदी के दौरान कार्गो उड़ानों, अपतटीय हेलिकॉप्टर परिचालन, चिकित्सा से संबंधित उड़ानों की अनुमति है।

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इसके अलावा डीजीसीए की अनुमति से विशेष उड़ानों का परिचालन किया जा सकता है। उद्योग मंडल फिक्की ने पिछले सप्ताह नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा है कि देश में गई एयरलाइंस दिवालिया होने के कगार पर हैं। उनकी नकदी समाप्त हो रही है। जहां अन्य एयरलांस ने लागत कटौती के उपाय किए हैं। इसमें पायलटों की छंटनी, वेतन कटौती या कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजना आदि कदम शामिल हैं। एयर डेक्कन कोरोना वायरस संक्रमण का ‘शिकार’ बनने वाली पहली एयलाइन है। एयर इंडिया को छोड़कर बाकी एयरलाइंस 14 अप्रैल के बाद की बुकिंग ले रही हैं। लेकिन एयर डेक्कन ने बुकिंग शुरू नहीं की है। एयरलाइन इसको लेकर सुनिश्चित नहीं है कि वह अपना परिचालन दोबारा कब शुरू कर पाएगी। अन्य विमानन कंपनियों की बात की जाए, तो इंडिगो ने अपने वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत की कटौती की है। विस्तार ने अपने वरिष्ठ कर्मचारियों ने लिए मार्च में बिना वेतन तीन दिन के अनिवार्य अवकाश की घोषणा की है। स्पाइसजेट ने कहा है कि उसके सभी कर्मचारियों के वेतन में 10 से 30 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। एयर इंडिया ने केबिन क्रू को छोड़कर सभी कर्मचारियों के भत्तों में 10 प्रतिशत कटौती की घोषणा की है। गोएयर ने अपने कर्मचारियों का वेतन घटाया है, विदेश में कार्यरत पायलटों को हटाया है और बारी-बारी से कर्मचारियों को बिना वेतन अवकाश पर भेजने की घोषणा की है।

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